आज 29 अक्टूबर को दुनियाभर में ‘वर्ल्ड स्ट्रोक डे’ मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य है कि स्ट्रोक नामक गंभीर बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता लाई जा सके। यही नहीं लोग जान सके कि यह बीमारी क्या है और इससे बचने के तरीकों कौन—कौनसे हैं। स्ट्रोक को आम बोलचाल की भाषा में लकवा कहा जाता है। इसका समय रहते इलाज न हो तो व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप विकलांग हो सकता है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोग स्ट्रोक के कारण ही विकलांग होते हैं, वहीं इस बीमारी की वजह से हर साल लाखों लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं।
वर्ल्ड स्ट्रोक कैंपेन द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष लगभग डेढ़ करोड़ लोग लकवे के शिकार बन रहे हैं। इनमें से करीब 55 लाख लोगों की मृत्यु इस गंभीर बीमारी के कारण हो जाती है। दुनियाभर में अब तक करीब 8 करोड़ लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। इस बीमारी का प्रभाव न सिर्फ लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि इससे उनकी घूमने फिरने की शक्ति भी कमजोर पड़ जाती है।
क्या है स्ट्रोक
स्ट्रोक किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। डॉक्टर्स के नजरिए से यह दिमाग की कोशिकाओं के मध्य सही रूप से ब्लड सर्कुलेशन न होने की वजह से यह बीमारी हो सकती है। जब मस्तिष्क की कोशिकाओं को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषण मिलने में बाधा उत्पन्न होती है या मिलना बंद हो जाता है तब व्यक्ति स्ट्रोक का शिकार होता है।
स्ट्रोक के लक्षण
यह एक ऐसी बीमारी जिसमें मरीज का मुंह तिरछा हो जाता है, हाथ-पैर या शरीर का किसी हिस्से का बेजान हो जाना, जुबान लड़खड़ाना या सही से न बोल पाना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसा होने पर अगर समय रहते इलाज न मिले तो परिणाम जानलेवा हो सकते हैं। हालांकि इस बीमारी की सही पहचान कर इलाज किया जाए तो रोगियों को ठीक भी किया जा सकता है।
भारत में हर मिनट तीन लोग हो रहे हैं शिकार
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर मिनट तीन लोग ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस दर से हर साल भारत में 15 लाख भारतीय ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। इनमें से करीब 90 फीसदी मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने या इलाज नहीं मिल पाने से मौत का शिकार हो रहे हैं।
55 साल की उम्र के बाद हर 6 में से 1 पुरुष और हर 5 में से 1 महिला को ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ब्रेन स्ट्रोक में तीन स्थितियों होती है- या तो मरीज की मृत्यु हो जाती है, या फिर वह सही होकर सामान्य जीवन जी सकता है या फिर जीवन भर के लिए दूसरों पर आश्रित हो सकता है।
खानपान भी है जिम्मेदार
यदि किसी व्यक्ति को डायबीटीज है, कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है, हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर रहता है और मोटापा से पीड़ित है तो ऐसे लोगों में स्ट्रोक यानी लकवे आने की संभावना अधिक रहती है। रिफाइंड तेल, चीनी, नमक और फ्राइड फूड ज्यादा मात्रा में खाने वाले लोगों को भी स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। वैसे तो स्ट्रोक किसी को भी हो सकता है लेकिन यह पुरुषों में ज्यादा कॉमन होता है लेकिन इससे मरने वालों में 50 फीसदी महिलाएं होती हैं।
ऐसे करें स्ट्रोक से बचाव
स्ट्रोक से बचने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है कि व्यक्ति को अपना ब्लड प्रेशर (बीपी) कंट्रोल रखना चाहिए, साथ ही इसकी नियमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए। धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल युक्त खाना खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे स्ट्रोक की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती है। फास्ट फूड खाने से बचें। रोजाना सैर करनी चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। सप्ताह में 5 दिन करीब 30 मिनट वर्कआउट जरूर करें। फल और हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।