दुनियाभर से निरक्षरता को खत्म करने के लिए 56वां विश्व साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत यूनेस्को ने वर्ष 1966 में की थी। इसका उद्देश्य दुनिया से अशिक्षा को दूर करने और शिक्षा के प्रति जागरुकता फैलाना था। निरक्षरता को दूर करने के लिए यूनेस्को ने हर साल 8 सितंबर को ‘विश्व साक्षरता दिवस’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया।
हालांकि, गौर करने वाली बात ये है कि आज भी दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां बच्चे शिक्षा से अभी तक भी वंचित हैं। गरीबी जैसी आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बच्चे पढ़ाई-लिखाई छोड़ देते हैं। शिक्षा के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए आप भी इस मुहिम का हिस्सा बनिए…
1.“शिक्षा से सुधार होगा तभी अज्ञानता का अंधकार मिटेगा”
2.”पिता जी सुन लो अब विनती हमारी, पढ़ने की है यह उम्र हमारी।”
3.”पढ़ी लिखी जब होगी हमारी माता, वह घर की बनेगी भाग्य विधाता।”
4.“जहां के नागरिक शिक्षित वो राष्ट्र प्रगतिशील।”
5.”बहुत हुआ अब चूल्हा-चौका, बेटियों को दो पढ़ाई-लिखाई का मौका।”
6.“पढ़ी–लिखी अपनी लड़की, खुशहाली और रोशनी है पूरे घर की।”
7.”जहां न होता साक्षरता का वास, फिर कैसे होगा उस देश का विकास।”
8.“जो जीवन में अशिक्षित रह जाता है, वह एक दिन जरुर पछताता है।”
9.”शिक्षा का एक अनमोल रतन, पढ़ने का सब मिलकर करो जतन।”
10.“पढ़ाई और किताबों से प्यार करो, जीवन अपना उद्धार करो।”
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