कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफे के बाद पंजाब के नए मुख्यमंत्री बने चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ ‘मीटू’ का मामला बाहर निकल आया है। रविवार को उनके नेता निर्वाचित होते ही भाजपा ने उन्हें इस मामले में घेरा था। इसके बाद सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले को उठाते हुए चन्नी के इस्तीफे की मांग की। महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि साल 2018 में मीटू मूवमेंट के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। राज्य महिला आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और उन्हें हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन मामले में कुछ एक्शन नहीं लिया गया।
चन्नी महिला सुरक्षा के लिए खतरा, उनके खिलाफ जांच हो: शर्मा
महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि आज उन्हें (चरणजीत सिंह चन्नी) एक महिला के नेतृत्व वाली पार्टी ने पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया है। यह विश्वासघात है। उन्होंने कहा, ‘चन्नी महिला सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। वह मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं है। मैं सोनिया गांधी से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का आग्रह करती हूं।’ राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि यह शर्मनाक है कि मीटू के आरोपी को पंजाब का नया मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया गया है।
महिला आईएएस ने लगाए थे चन्नी पर मीटू के आरोप
एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि ऐसा व्यक्ति पंजाब का मुख्यमंत्री रहे और उसके कारण किसी अन्य महिला को उन्हीं अनुभवों व प्रताड़ना से गुजरना पड़े, जैसी कि एक महिला आईएएस ने झेली थी। चरणजीत सिंह चन्नी को जिम्मेदारी समझते हुए सीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए। शर्मा ने सवाल करते हुए कहा, जब एक महिला आईएएस को न्याय नहीं मिला तो यह कैसे उम्मीद की जा सकती है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार आम महिलाओं के साथ न्याय करेगी? ऐसे में राज्य में महिला सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले रविवार को भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने चन्नी पर यही आरोप लगाते हुए उन्हें व कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा था।
Read Also: असम में कांग्रेस ने बदरुद्दीन अजमल के एआईयूडीएफ और बीपीएफ से तोड़ा गठबंधन