सावन में लड़कियां क्यों पहनती हैं लहरिया? कहां से आया ये कॉन्सेप्ट जानिए…

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सावन यानि बारिश कई लोगों का फेवरेट सीजन है। खासतौर से लड़कियों और महिलाओं का। इस सीजन में महिलाओं की वार्डरोब पूरी तरह से कलरफुल हो जाती है। राजस्थान से पॉपुलर हुआ लहरिया अब पूरे देश के फैशन में शामिल हो गया है। राजस्थानी कल्चर में लहरिया को सावन से जोड़ा जाता है। सावन में आने वाली हरियाली तीज और सिंजारे पर राजस्थानी लड़कियां और महिलाएं खासतौर से लहरिया ही पहनती हैं और इसके पीछे भी बहुत से लॉजिक हैं।

आइए हम आपको बताते हैं कि लहरिया के पीछे कौन-कौन से ट्रेडिशन जुड़े हैं—

समुद्र में जैसे लहर चलती है वैसे बनता है लहरिया

बारिश की बूंदों में नेचर में हरियाली होती है और इस समय समुद्र की लहरें भी अपने उफान पर होती है। कहा जाता है कि लहरिया का कॉन्सेप्ट डिजाइनर के मन में पानी से ही आया था। समुद्र की लहरें जब कागज पर हम उतारते हैं तो वो भी ऐसे ही फ्लो में होती है। ​लहरिया भी वैसे ही डिजाइन किया जाता है। बेसिक लहरिया में तो बहुत सारी पतली या मोटी लहरें ही होती हैं। बता दें कि लहरिया के पांच रंगों को पांच तत्वों से जोड़ा गया है।

राजस्थान में 19 वीं शताब्दी में शुरू हुआ लहरिया

लहरिया रंगने की अनूठी कला का एक उदाहरण है। लहरिया को लोक कला से प्रेरित माना गया है। इस प्रिंट की शुरुआत को लेकर कहा जाता है कि यह 19 वीं शताब्दी से शुरू हुई है। राजस्थान में खासकर मेवाड़ से जुड़े स्थानों की संस्कृति में ये सबसे ज्यादा फेमस है। मेवाड़ में इसके पहनने की परंपरा काफी पुरानी रही है। पुराने समय मे नीले रंग का लहरिया राज परिवार की निशानी माना जाता था।

सुहागिनें सावन में इसलिए पहनती हैं लहरिया

लहरिया राजस्थान की पहचान है। यह प्रिंट मारवाड़ी और राजपूत महिलाओं मे हमेशा से फेमस रहा है। पारंपरिक लहरिया हमेशा कच्चे रंग में रंगा जाता है। कहते हैं कि सावन में जब महिला कच्चे रंग का लहरिया ओढ़कर जाती हैं और पानी बरसता है, तो उस लह​रिये का रंग सुहागन की मांग में उतरता है, तो उसे बेहद शुभ माना जाता है। हमारी संस्कृति में यह रिवाज है कि बहू-बेटियों की मान मनुहार के लिए उन्हें लहरिया लाकर दिया जाता है। लहरिया को सौभाग्य और सुकून का प्रतीक माने जाते हैं और इसमें भी सावन में पहने जाने वाले लहरिये में हरा रंग शुभ माना जाता है। वहीं राजस्थान के पंचरंगी लहरिये की अपनी खासियत है।

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