संजरपुर : क्यों बाटला हाउस फिल्म आने से इस गांव के लोग डर की जिंदगी जी रहे हैं ?

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यूपी के आजमगढ़ में एक गांव है संजरपुर, यहां रहने वाले लोग पिछले कुछ सालों से शक की नजरों के साये में जी रहे हैं, वो थक चुके हैं मगर कुछ सवाल आज भी उनका पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है।

सालों से डर और खौफ में चलती जिंदगियों की इन दिनों सिरहन और बढ़ गई है जब जॉन अब्राहम की फिल्म बाटला हाउस आ रही है। जी हां, इस फिल्म के तार संजरपुर गांव से जुड़े हैं, कैसे जुड़े हैं वो आगे बताएंगे।

दरअसल, कुछ साल ही बीते हैं जब आजमगढ़ के इस गांव को ‘आतंक की फैक्ट्री’ और ‘आतंक का गढ़’ होने का टैग लग गया था।

आज भी जब कोई आतंकी घटना को अंजाम दिया जाता है तो यहां रहने वाले लोगों की आंखों में एक अजीब सा खौफ चमकने लगता है। ऐसे लगता है मानो पुराने जख्मों पर आज फिर से किसी ने चोट की है।

आपको बता दें कि जॉन की फिल्म बाटला हाउस दिल्ली के जामिया नगर में हुए चर्चित एनकाउंटर पर बनी है जिसमें जिन दो लड़कों मोहम्मद आतिफ और साजिद अमीन को मारा गया वो संजरपुर के ही थे। दिल्ली पुलिस ने दोनों को इंडियन मुजाहिदीन का मेंबर बताकर 2008 में एनकाउंटर किया था।

फिल्म आने से क्यों परेशान है गांववाले ?

गांववालों का कहना है कि 2008 में जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था तब जांच एजेंसियों ने और भी कई ब्लास्ट के कनेक्शन इसी गांव से जोड़कर देखे थे। बाटला हाउस के बाद कुछ दिनों में इस गांव को आतंक की फैक्ट्री कहा जाने लगा।

हालांकि बाटला हाउस के कुछ रहस्य तो आज भी अनसुलझे हैं लेकिन गांव के लोगों की बैचेनी हमेशा के लिए रह गई। फिल्म आने से आतंक के टैग वाला वो जिन्न अब गांव के लोगों को फिर से उठता हुआ दिखाई दे रहा है।

यहां के लोग कहते हैं फिल्म देखने के बाद गांव का माहौल ठीक वैसा ही हो जाएगा जैसा 2008 के बाद हुआ था।

बाटला हाउस एनकाउंटर और जॉन की यह फिल्म दोनों फर्जी ?

सामजिक कार्यकर्ताओं का शुरू से यही कहना रहा है कि बाटला हाउस एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी था, ऐसे में वह अब जॉन की इस फिल्म को भी फर्जी बता रहे हैं।

गांववालों का इस पर यह भी कहना है कि हमारे गांव के कई लड़के काफी झूठे-सच्चे मामलों में जेल में पड़े हैं फिल्म आने के बाद कई तरह के संदेह से सुर फिर से उठ खड़े होंगे। फिल्म निर्माताओं ने भी एनकाउंटर या धमाकों के आरोपियों और उनके परिजनों का कोई पक्ष फिल्म में नहीं दिखाया है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि देश के सबसे बड़े विवादित एनकाउंटर पर बनी इस फिल्म को किस तरह पेश किया जाता है।

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