एक मां के लिए रात की नींद जितनी कीमती होती है उतनी ही मुश्किल होती है और इसका अंदाजा लगा पाना हर किसी के बस की बात नहीं है। चलिए शारीरिक कारणों से हम नींद को कीमती मान लेते हैं जो होता भी है लेकिन मुश्किल क्यों होती है? आगे पढ़ेंगे तो इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा।
बच्चों का किसी भी उम्र में रोना आम बात है, लेकिन छोटे बच्चों का रात के समय रोना आम बात नहीं है, खासकर मां या आसपास मौजूद लोगों के लिए। एक कारण यह है कि अपनी बात ना कह पाने के कारण बच्चों के पास कम्यूनिकेशन का सबसे आसान तरीका रोना है।
लेकिन इसके अलावा और भी कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से बच्चे रात में ज्यादा रोते हैं जिन्हें आपको समझना चाहिए। अक्सर आपने देखा होगा कि रात के समय अचानक नींद से जागकर बच्चे रोना शुरू कर देते हैं।
जब बच्चा इस दुनिया में आता है तो उसके लिए यहां की हर चीज नई होती है। वह एक अलग और नई दुनिया को महसूस करने की कोशिश करता है। वह हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखने की प्रक्रिया से गुजरता है। इसी दौरान वो कई बार असहज महसूस भी करता है जिसके कारण बच्चे को शुरूआत के कुछ दिनों में नींद में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। कुछ कारण ये भी हैं-
- कई बार बच्चा अपने आस-पास का वातावरण सहन नहीं कर पाता है जिससे उसको नींद लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बच्चा नींद के बीच में जाग जाता है।
- कई बार बच्चे को सोने की जगह में परेशानी होती है जिसके कारण वो ना बोलने के कारण रोना शुरू कर देता है।
- बच्चे लंबी नींद नहीं ले पाते हैं, उनकी नींद काफी कच्ची होती है। ऐसे में वो आधी रात को बीच में बार-बार उठ जाते हैं। इसके अलावा कई बार भूख लगने के कारण भी बच्चों की नींद टूट जाती है।
- अधिकतर बच्चे रात में बिस्तर गीला करते हैं जिसकी वजह से वो बिस्तर पर असहज हो जाते हैं और नींद में ही जोर-जोर से रोने लग जाते हैं।
- कई बार बच्चे नींद में खुद को असुरक्षित या अकेला महसूस करते हैं जिसकी वजह से वो अचानक से उठकर रोने लग जाते हैं।
- वहीं कई बार डरावने सपने भी बच्चों के रात में उठने का कारण बन सकते हैं।