हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई को शपथ ली। अब बारी है, लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव की। खबरों के मुताबिक अध्यक्ष पद की कतार में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, राधामोहन सिंह और वीरेंद्र कुमार सहित भाजपा के कई वरिष्ठ सांसद दावेदार हैं। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के शीर्ष नेता अपनी पसंद को अंतिम रूप देने के लिए विचार-विमर्श कर रहे हैं।
नवनियुक्त सत्रहवीं लोकसभा का पहला अधिवेशन 17 जून से शुरू होने वाला है और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 19 जून को होगा। सोलहवीं लोकसभा में भाजपा की सुमित्रा महाजन अध्यक्ष थी और उपाध्यक्ष का पद अन्नाद्रमुक के.एम. थम्बी दुरै के पास था। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार को इस पद के लिए चुना जाना तय है, क्योंकि 542 सदस्यीय सदन में लगभग दो तिहाई बहुमत है।
सत्रहवीं लोकसभा में आठ बार की सांसद मेनका गांधी सबसे अनुभवी सांसद हैं और उन्हें अध्यक्ष पद के लिए एक स्वाभाविक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। उन्हें 17वीं लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद होने के कारण कार्यवाहक (प्रो-टेम स्पीकर) के रूप में नियुक्त किए जाने की संभावना है।
अन्य संभावित उम्मीदवारों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री जुएल ओराम और एस.एस. अहलूवालिया के नाम भी शामिल हैं। अहलूवालिया पिछली मोदी सरकार में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री थे और विधायी मामलों में अनुभवी होना उनके पक्ष का मजबूत बनता है। वहीं छह बार के सांसद वीरेंद्र कुमार की दलित पहचान उनके पक्ष में काम कर सकती है।
भाजपा नेताओं के एक दल की माने तो वे इस पद की जिम्मेदारी दक्षिण भारत के किसी व्यक्ति को दिए जाने के पक्ष में हैं। सूत्रों ने बताया कि डिप्टी स्पीकर का पद इस बार बीजू जनता दल (बीजद) के पास जा सकता है और कटक सांसद भर्तृहरि महताब को इस पद के लिए दौड़ में आगे माना जा रहा है। वर्ष 2017 के लिए महताब को सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।