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26 फरवरी मंगलवार को कंट्रोल लाइन (एलओसी) पर भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को तबाह कर दिया। विजय गोखले ने इसके साथ जिक्र किया मसूद अजहर के साले का और कहा कि इस कैंप को युसूफ अजहर लीड कर रहा था।
जबकि JeM प्रमुख के साले की पहचान मौलाना यूसुफ अज़हर (उर्फ उस्ताद गौरी उर्फ मोहम्मद सलीम) के रूप में की गई थी लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि एयरफोर्स द्वारा किए गए इस हमले में उसकी मौत हुई है या नहीं।
विशेष रूप से यूसुफ अज़हर का नाम अतीत में सबसे कुख्यात हाईजौक घटनाओं में से एक में लिया जाता है। दिसंबर 1999 में अफगानिस्तान के कंधार में आईसी 814 हाईजैक घटना में यूसुफ़ ने एक बड़ी भूमिका निभाई।
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170 से अधिक यात्रियों को फ्लाइट में किडनैप कर लिया गया था जिसके बाद अन्य आतंकवादियों के साथ-साथ मसूद अजहर की रिहाई की गई थी और अपहरण की साजिश सफल रही थी।
मोस्ट वांटेड इन इंडिया
द हिंदू के अनुसार मसूद अजहर का साला कराची का रहने वाला था। 2002 में इंटरपोल द्वारा इसके खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। यूसुफ का नाम भी 20 भगोड़ों की सूची में शामिल है जिसे भारत ने 2002 में पाकिस्तान को दिया था।
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यूसुफ अज़हर के खिलाफ भारत में पहले से ही अपहरण और हत्या के कई मामले दर्ज हैं। उसने आईसी 814 हाईजैक की साजिश रचने के लिए भारत और नेपाल की यात्रा भी की थी।
फरवरी 2008 में अपहरण मामले में तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी जबकि यूसुफ अजहर सहित सात अन्य आरोपी फरार थे। युसुफ के अलावा अपहरण मामले में एक अन्य प्रमुख आरोपी अब्दुल रऊफ था जो जेएम प्रमुख मसूद अजहर का एक और भाई था।
मंगलवार 26 फरवरी को 12 मिराज 2000 भारतीय फाइटर जेट ने एलओसी के पार तड़के सुबह 1,000 किलो बम गिराए। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि इन हमलों में बड़ी संख्या में जेएम आतंकवादियों, प्रशिक्षकों और वरिष्ठ कमांडरों को खत्म कर दिया गया।