कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टॉम वडक्कन गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। टॉम वडक्कन को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का सबसे करीबी सहयोगी माना जाता रहा है। वडक्कन के पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण पुलवामा में हुआ आतंकी हमला था। टॉम के मुताबिक इस हमले के बाद कांग्रेस के बयानों से उन्हें गहरी चोट लगी थी जिससे उन्हें पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।
इसके आगे उन्होंने कहा, “कांग्रेस में मेरे जैसे एक स्वाभिमानी कार्यकर्ता के लिए कोई जगह नहीं है और इसलिए मैं यहां से जा रहा हूं,”। 61 साल के टॉम ने आगे मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के विकास के एजेंडे पर पूरा विश्वास है।
वडक्कन का भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि वह सोनिया गांधी के करीबी और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और केरल के एक प्रमुख नेता थे। वहीं बीजेपी में वडक्कन की एंट्री ऐसे समय में हुई है जब लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल में हैं।
दशकों से एक कट्टर कांग्रेसी होने के नाते, वडक्कन हमेशा से ही हिंदुत्व की राजनीति, भाजपा और आरएसएस के कड़े आलोचक रहे वडक्कन आज मोदी का ही गुणगान गा रहे हैं।
– टॉम वडक्कन का जन्म 20 अप्रैल 1958 को हुआ ।
– दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी साहित्य और एमए अंग्रेजी साहित्य की डिग्री हासिल की।
– वह भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस (दिल्ली विश्वविद्यालय) में लगातार सात सालों तक चैयरमेन रहे और फिर दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) में चैयरमेन रहे।
– वह राष्ट्रीय केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य और केरल फिल्म सेंसर बोर्ड के एक प्रतिनिधि सदस्य भी रह चुके हैं।
– उन्होंने कॉर्पोरेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में मीडिया सलाहकार के रूप में भी काम किया है।