पाकिस्तान सेना में बड़ा उलटफेर हुआ है। लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानि ISI का नया डायरेक्टर बनाया गया है। पाकिस्तान में ISI के डायरेक्टर को सेना प्रमुख की सलाह के बाद प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाता है। आपको बता दें कि यह पद केवल सेना प्रमुख के प्रति जवाबदेह होता है। सेना के चीफ के बाद ISI के डायरेक्टर का पद बड़ा अहम माना जाता है।
लेफ्टिनेंट जनरल हामिद ने लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर की जगह ली जिन्हें केवल आठ महीने पहले ही ISI का डायरेक्टर बनाया गया था। असीम मुनीर अब तक सबसे कम वक्त के लिए इस पद पर रहे।
फैज़ हामिद को अप्रैल 2019 में चार अन्य लोगों के साथ मेजर-जनरल के पद से थ्री स्टार पद दिया गया था।
हामिद बलूच रेजिमेंट से हैं। डायरेक्टर पद पर उनकी नियुक्ति से पहले फैज़ हामिद आईएसआई की आंतरिक सुरक्षा ब्रांच को लीड कर रहे थे। उन पर 2018 के चुनावों से पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) से इंजीनियरिंग की चूक का भी आरोप था।
एक चरमपंथी बरेलवी ग्रुप लैबबाइक चुनाव अधिनियम में पद की शपथ में बदलाव का विरोध कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि उसने पाकिस्तान के अहमदिया कानूनों को कमजोर कर दिया था। प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी की अगुवाई वाली तत्कालीन पीएमएल (एन) सरकार को आखिरकार कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे सहित मांगों को मानना पड़ा।
समझौते के दस्तावेजों के बारे में सेना द्वारा बातचीत की गई थी। उस समझौते के गारंटर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल हामिद के साइन हैं। जब भीड़ तितर-बितर हो गई तो एक प्रमुख-जनरल को प्रदर्शनकारियों को 1,000 रुपये के साथ सफेद लिफाफे बांटते देखा गया।
आईएसआई के प्रमुख के रूप में हामिद भारत के साथ संबंधों सहित देश और अपनी क्षेत्रीय नीति के महत्वपूर्ण पहलुओं को चलाएंगे और पाकिस्तान के हितों की रक्षा करेंगे। इसके अलावा अमेरिका-तालिबान की चल रही शांति वार्ता पर उनका ध्यान रहेगा।