हरियाणा के जींद जिले की विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के बाद बीजेपी खेमे में खुशी की लहर है। हालांकि जीत छोटी ही लेकिन बीजेपी के लिए जिंद में कांग्रेस और अन्य दलों के गढ़ को हिलाकर जीतना बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
बीजेपी से चुनाव लड़ रहे कृष्ण मिड्ढा ने जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय चौटाला को 12,935 वोटों से हराया। कांग्रेस का झंडा थामे राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को तीसरे स्थान पर आकर संतुष्टि करनी पड़ी।
जींद उपचुनावों के लिए बीजेपी ने कृष्ण मिड्ढा पर भरोसा दिखाय़ा और मैदान में उतारा। कृष्ण मिड्ढा का इतिहास रहा है कि वो दो महीने पहले ही इनेलो छोड़कर बीजेपी में आए थे।
बीजेपी उम्मीदवार रहे कृष्ण मिड्ढा के पिता डॉ. हरिचंद मिड्ढा भी पुराने राजनेता रहे हैं। साल 2009 में इनेलो की टिकट से उन्होंने चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने। इसके बाद एक बार फिर 2014 के चुनावों में डॉ. मिड्ढा की हवा चली और मोदी लहर के बावजूद उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र बरवाला को हराया।
बीते साल 26 अगस्त को ही डॉ. हरिचंद मिड्ढा का निधन हुआ और उनके अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री मनोहरलाल सहित बीजेपी के कई नेता पहुंचे। पिता की मौत के बाद से ही कृष्ण मिड्ढा के बीजेपी जॉइन करने के कयास लगाए जाने शुरू हो गए।
आखिरकार खट्टर सरकार के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने मिड्ढा के बीजेपी में आने के रास्ते खोले और उन्होंने ही सीएम के सामने कृष्ण को टिकट देने की पैरवी की और जो भरोसा पार्टी ने दिखाया था उस पर आज चुनाव परिणामों के बाद वो खरे उतरे हैं।