लांस क्लूजनर को जब तत्कालीन कप्तान ने बताया था अपनी टीम के लिए ख़तरा

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दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी लांस क्लूजनर आज अपने जीवन के 50 वर्ष पूरे कर लिए हैं। क्लूजनर का जन्म 4 सितम्बर, 1971 को दक्षिण अफ्रीका के नटाल प्रांत स्थित डरबन शहर में हुआ था। ज़ुलु भाषा पर अच्छी पकड़ होने के कारण उनका निकनेम ‘ज़ुलु’ है। क्लूजनर अपने समय में दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक माने जाते थे। सन् 2000 में क्लूजनर को ‘विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया गया था। आज लांस क्लूजनर के जन्मदिन के अवसर पर जानते हैं उनके बारे में कई और दिलचस्प बातें..

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भारत के ख़िलाफ़ किया था टेस्ट डेब्यू

लांस क्लूजनर बचपन से क्रिकेट को बहुत पसंद करते थे। साल 1991 में क्लूजनर ने क्वाज़ुलु-नटाल के लिए क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था। घरेलू क्रिकेट में अच्छे खेल की बदौलत वर्ष 1996 में वह दक्षिण अफ्रीका की नेशनल टीम में चुन लिए गए। 19 जनवरी, 1996 को क्लूजनर ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे कॅरियर की शुरुआत की। उस मैच में यह खिलाड़ी ख़ाता भी नहीं खोल सका और गेंदबाजी में भी कोई विकेट उनके हिस्से में नहीं आया। लेकिन उनकी गेंदबाजी को सराहना मिली और उन्हें दक्षिण अफ्रीका का आने वाला स्टार बताया जाने लगा था। इसके बाद 27 नवम्बर, 1996 को लांस क्लूजनर ने भारत के ख़िलाफ़ अपना टेस्ट डेब्यू किया। इस मैच की दूसरी पारी में आठ विकेट लेकर क्लूजनर ने तहलक़ा मचा दिया था।

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1999 के विश्व कप में हीरो और ज़ीरो बने थे क्लूजनर

वर्ष 1999 के आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में लांस क्लूजनर दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए हीरो बनकर उभरे थे और इसी टूर्नामेंट ने उन्हें ज़ीरो भी बना दिया। उन्होंने टूर्नामेंट में औसत 140 से ऊपर की औसत से 281 रन बनाए। साथ ही 17 विकेट भी झटके थे। इस विश्व कप में क्लूजनर ने 4 ‘मैन ऑफ द मैच’ अवॉर्ड जीते और ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ भी बने थे। लेकिन वे विलैन भी इसी विश्व कप में बन बैठे।

हुआ यूं कि इस विश्व कप में लीग स्टेज के 5 मैचों में से 4 दक्षिण अफ्रीका ने जीत लिए थे। ये सभी मैच उसने बड़े अंतर से जीते थे। वह सुपर सिक्स में सिर्फ़ एक मैच हारी थी। 17 जून, 1999 को अपने पहले विश्व कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के सामने दक्षिण अफ्रीका मैदान में खड़ी थीं। ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते 213 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका ने 198 रन पर अपने 9 विकेट गंवा दिए थे। आख़िरी जोड़ी मैदान में थी और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के ख़िलाफ़ जीत के लिए 16 रन की दरकार थी, जिसका कयास लगाना थोड़ा मुश्किल था। आख़िरी 6 गेंदों में जीत के लिए 9 रन बनाने थे।

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स्ट्राइक पर लांस क्लूज़नर और नॉन स्ट्राइक पर खड़े थे एलन डोनाल्ड। गेंदबाजी कर रहे थे डैमियन फ्लेमिंग। क्लूज़नर ने पहली 2 गेंदों में 2 चौके जड़ दिए और स्कोर बराबर कर दिया। अब 4 गेंदें शेष थीं और दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए एक रन चाहिए था। ओवर की तीसरी गेंद क्लूजनर ने मिड ऑन पर खेली और डोनाल्ड बिना सोचे समझे स्ट्राइक की ओर लिए दौड़ पड़े। लेकिन वापस आते वक़्त वह रन आउट होते-होते बच गए।

चौथी गेंद क्लूजनर ने सीधी खेली और बिना देखे दौड़ पड़े नॉन स्ट्राइक एंड की ओर। डोनाल्ड का ध्यान गेंद पर था, इस तरह दोनों एक ही एंड पर खड़े हो गए। फिर डोनाल्ड दौड़े भी लेकिन तब तक मामला हाथ से निकल चुका था। मार्क वॉ के थ्रो पर गेंद डैमियन फ्लेमिंग के हाथों होते हुए विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट के दस्तानों में पहुंच चुकी थी। उन्होंने स्टंप उखाड़ने में ज़रा भी देरी नहीं की। साउथ अफ्रीका 213 रनों पर ढेर हो चुकी थी और मैच टाई हो गया। सुपर सिक्स में ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को हराया था। इस तरह नियमानुसार फाइनल में ऑस्ट्रेलिया पहुंची। ज़रा सी हड़बड़ी ने अफ्रीकी टीम को विश्व कप से जीतने से रोक दिया। इस ग़लती की वजह से विश्व कप के हीरो लांस क्लूजनर सेमीफाइनल में ज़ीरो बन गए।

ग्रीम स्मिथ ने क्लूजनर को बताया था टीम के लिए ख़तरा

वर्ष 1999 के विश्व कप में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाले जिस लांस क्लूजनर पर पूरे देश को नाज़ हो रहा था, उसे बाद में टीम के लिए ख़तरा बताया गया। यह बात वर्ष 2003 की है, जब इंग्लैंड दौरे के लिए क्लूजनर को अफ्रीकी टीम से बाहर कर दिया गया। जब इस बारे में दक्षिण अफ्रीकी टीम के तत्कालीन कप्तान ग्रीम स्मिथ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह अपनी टीम में क्लूजनर को नहीं चाहते हैं। यहां तक कि स्मिथ ने क्लूजनर को युवा खिलाड़ियों के लिए ख़तरा बताया था। स्मिथ ने कहा कि वह एक अच्छे क्रिकेटर तो हैं, लेकिन टीम के रूप में वह योग्य नहीं हैं। इसके बाद क्लूजनर ने कहा था कि स्मिथ को उनसे डर लगता है। साल 2004 में क्लूजनर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

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ऐसा रहा लांस क्लूजनर का अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर

लांस क्लूजनर ने साउथ अफ्रीका के लिए 49 टेस्ट मैचों की 89 पारियों में चार शतक और आठ अर्धशतक की मदद से कुल 1906 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट में 80 विकेट भी अपने नाम किए। वहीं, अगर एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की बात करें तो क्लूजनर ने 171 मैचों में दो शतक और 19 अर्धशतक जमाए थे। उन्होंने वनडे में कुल 3576 रन बनाए और 192 विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीकी टीम के अलावा लांस क्लूजनर नॉटिंघमशायर, मिडलसेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट और कई अन्य टीमों के लिए टी-20 क्रिकेट भी खेल चुके हैं। बता दें, सत्र 2018-19 के लिए क्लूजनर को दिल्ली रणजी का सलाहकार कोच नियुक्त किया गया था।

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