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महालक्ष्मी का पंचपर्व दीपोत्सव त्रिपुष्कर योग में शुरू हो चुका है। पांच दिन तक चलने वाला दीपोत्सव धन त्रयोदशी से भाई दूज तक चलेगा। धनतेरस का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाले शुभ दीपावली का पहला दिन होता है। इसे दिवाली से 2 दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पहला पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनाध्यक्ष कुबेर के पूजन से शुरू होकर मृत्यु के देवता यमराज के लिए दीपदान तक चलेगा। बता दें कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
धनतेरस पर खरीदारी करना बहुत ही शुभ
मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान सोने का घड़ा लेकर प्रगट हुए थे, इसलिए इस तिथि पर इनका प्राकट्य पर्व मनाया जाता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के अलावा भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की भी पूजा होती है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन खरीदारी करना बहुत ही शुभ और कई गुना लाभ देने वाला होता है। इस कारण सदियों से धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी के आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, घरों में प्रयोग की जाने वाली वस्तुएं, वाहन जैसे कार, मोटर साइकिल और जमीन-मकान के सौदे तय किए जाते हैं।
माना जाता है धनतेरस पर जो भी चीजें घर खरीदकार लाई जाती है, उसमें सालभर तेरह गुना की बढ़ोतरी होती है। इस बार धनतेरस पर 19 साल बाद त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। इसके पहले साल 2002 में ऐसा हुआ था। इस योग में किए गए कार्यों से तीन गुना फायदा मिलता है।
क्यों है धनतेरस का ख़ास महत्व?
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लोग धनतेरस पर अपने घरों और कार्यस्थलों में दीपक जलाते हैं। इस दिन विशेष रूप से लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते है। मान्यता है जो भी धनतेरस पर भगवान कुबेर, मां लक्ष्मी संग भगवान धन्वंतरि की पूजा करता है, उसका घर हमेशा धन-धान्य, सुख-सुविधा और वैभव से परिपूर्ण रहता है। धनतेरस पर ज्यादातर लोग सोने-चांदी से बनी चीजों को प्रमुखता से खरीदते हैं और इसके लिए शुभ मुहूर्त पर का ध्यान रखते हैं। माना जाता है कि धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त पर सोने या चांदी से बने बर्तन या आभूषण खरीदने पर बहुत ही शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
शाम को सवा छह बजे से कर सकते हैं आभूषण की खरीद
इस बार धनतेरस 2 नवंबर को है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन सोना-चांदी के आभूषण खरीदने के लिए शाम 06 बजकर 20 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अगर सुबह के मुहूर्त की बात करें तो सुबह 11 बजकर 30 मिनट से खरीदारी की जा सकती है। लेकिन 2 नवंबर को राहुकाल के समय धनतेरस पर शुभ खरीदारी करने से बचें।
शुभ धनतेरस की पूजा विधि
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का विधान होता है। माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान सोने का कलश लेकर प्रकट हुए थे। ऐसे में धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए। धनतेरस की शाम को घर के मुख्य द्वार, आंगन और घर के दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं। धनतेरस के दिन यम देव के नाम से भी दीपक रखे जाते हैं। इस पूजा से घर सुख-सुविधा और धन-धान्य से भरा रहता है।
इस ख़ास दिन पर ये चीजें खरीदें और ये नहीं
हम सभी जानते हैं कि धनतेरस के दिन खरीदारी का बड़ा महत्व है। इस दिन सोना, चांदी, पीतल से बनी चीजें और झाडू खरीदने को काफी शुभ माना गया है। लेकिन कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिन्हें धनतेरस पर भूलकर भी नहीं खरीदनी चाहिए। जैसे- ख़ासकर काले रंग की वस्तुएं, कांच, एल्यूमीनियम और लोहे से बनी चीजें खरीदने से बचें।
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