भारत में इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगातार गिरती शैक्षिण गुणवत्ता ने प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए थे। इसको लेकर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भी चिंतित हुई। मोदी सरकार ने इस पर चिंता जताते हुए सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाए हैं। सरकार अब तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अटल अकादमी योजना पर विशेष फोकस करने जा रही है।
मोदी सरकार ने साल 2018 में जयपुर, वडोदरा, त्रिवेंद्रम, गुवाहाटी और चंडीगढ़ में अटल अकादमी शुरु की। इसके बेहतर नतीजों के बाद अब देश के दस और शहरों में इसे खोलने की तैयारी केन्द्र सरकार कर चुकी है। इन शहरों में पटना, देहरादून, कानपुर, चेन्नई, बेंगलुरु, श्रीनगर, हैदराबाद, कोलकाता, भोपाल और मुरथल शामिल हैं।
क्या है मोदी सरकार की अटल अकादमी योजना
मोदी सरकार की अटल अकादमी योजना का पूरा नाम एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग है। इसमें एआईसीटीई(अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) का ए, ट्रेनिंग का टी और लर्निंग का एल लेकर नाम रखा गया है। इसके जरिए सरकार का मकसद तकनीकी शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों में अटल अकादमी खोलकर इनोवेशन को बढ़ावा देना है। एआईसीटीई अटल अकादमी की स्थापना करने में अपनी ओर से भी मदद करता है।
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इंजीनियरिंग छात्रों को नवाचार के लिए प्रेरित किया जाएगा
केन्द्र की इस योजना के तहत पहले चरण में जयपुर, वडोदरा, त्रिवेंद्रम, चंडीगढ़ और गुवाहाटी में अटल अकादमी खोली गईं। इन अकादमियों में साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस आदि विषयों के रिसर्च पर पूरा जोर है। पिछले साल शुरु हुई इस योजना के बेहतर नतीजों के बाद अब मोदी सरकार ने इसे दस और शहरों में खोलने की योजना बनाई है। एआईसीटीई का इस बारे में कहना है कि अटल अकादमी योजना में योग्य तकनीकी प्राध्यापक, शोधार्थियों को अकादमी से जोड़कर इंजीनियरिंग छात्रों को नवाचार के लिए प्रेरित किए जाने का काम होगा।