पश्चिम बंगाल का शारदा चिटफंड और रोज वैली घोटाला वापस चर्चा में है। रविवार को इस मामले की जांच के लिए कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच हुआ हाई-वोल्टेज ड्रामा हर किसी की जुबां पर है। इस ड्रामे के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीबीआई आमने सामने आ गए हैं।
चिटफंड घोटाले मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का नाम सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। अब सीबीआई अधिकारियों की छापेमारी को असंवैधानिक बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस अधिकारी राजीव कुमार के बचाव में धरने पर बैठ गई हैं। ऐसे में आइए आपको बताते हैं क्या हुआ था शारदा चिटफंड और रोज वैली घोटाले में।
शारदा चिटफंड घोटाला
शारदा चिटफंड घोटाले को अब तक का सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला माना जाता है। कई नेताओं के इस घोटाले से तार जुड़ने के बाद यह मामला ज्यादा हाई-प्रोफाइल हो गया। पर्ल एग्रोटेक कोरपोरेशन लिमिटेड (PACL) कंपनी पर आरोप है कि इसने 49,100 करोड़ रुपये निवेशकों से फर्ज़ी स्कीम और रकम को 34 गुना करके वापस करने के वादे पर ठग लिए।
साल 2014 में मामला उजागर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इसके जांच के आदेश जारी किए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के लिए पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस को जांच में सहयोग करने के लिए भी कहा। शारदा ग्रुप 4 सालों में पश्चिम बंगाल से लेकर झारखंड, उड़ीसा और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में अपनी कंपनियों का विस्तार किया और 300 से अधिक ऑफिस खोले।
रोज वैली घोटाला
रोज वैली घोटाले के तार राजनीति, रियल एस्टेट और फिल्म जगत तक जुड़े हुए बताए जाते हैं। इस घोटाले में रोज वैली ग्रुप ने करीब 1 लाख निवेशकों को 2 अलग-अलग स्कीम का लालच देकर करोड़ों का चूना लगाया। ग्रुप ने आशीर्वाद और होलिडे मेंबरशिप नाम की स्कीमें चलाई जिनमें लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया। ग्रुप एमडी शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड रहे।
राजीव कुमार ने कब ली इसमें एंट्री ?
ममता बनर्जी सरकार ने इस चिटफंड घोटाले की जांच के लिए 2013 में एसआईटी बिठाई। एसआईटी का प्रमुख आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को बनाया गया। राजीव कुमार पर आरोप हैं कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ नेताओं को बचाने के लिए घोटाले से जुड़े कुछ अहम सबूतों को गायब किया गया।
गौरतलब है कि इस घोटाले में कोर्ट के निवेशकों को पैसे वापस करने के आदेश के बाद सीबीआई ने अब तक 80 चार्जशीटें फाइल कर दी जिसके बाद एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपए रिकवर किए जा चुके हैं।