देश के अंतरिम वित्त मंत्री ने आज देश का अंतरिम बजट पेश किया। केंद्र सरकार ने इस बार बजट में किसानों और मिडिल क्लास पर ध्यान दिया है। सरकार ने बताया कि 2022 तक देश के अन्नदाता की आय दोगुनी करने के सपने को साकार करने के उद्देश्य से हम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू करने जा रहे हैं। इस योजना के लागू होने के बाद देश के 12 करोड़ किसानों के चेहरे पर मुस्कान खिलेगी।
ये तो रहा सरकार का ऐलान लेकिन जमीनी तौर पर किसानों को इस योजना का फायदा कैसे मिलेगा आइए जानते हैं।
क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना?
अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में ऐलान किया कि दो हेक्टेयर से कम यानि 5 एकड़ भूमि वाले किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाएंगे यानि हर महीने 500 रूपये मिलेंगे। प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के दायरे में 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को शामिल किया जाएगा। आपको यह भी बताते चलें कि 1 दिसंबर, 2018 से प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना लागू हो चुकी है।
किसानों को दिए जाने वाले ये पैसे सीधे बैंक खातों में तीन समान किस्तों में पहुंचा दिए जाएंगे। कार्यक्रम को केंद्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित किया जाएगा। बारह करोड़ किसान परिवारों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार बहुत जल्द लाभान्वित किसानों की एक लिस्ट भी जारी करेगी।
सरकार को कितना खर्च उठाना होगा ?
इस योजना पर सरकार को हर साल 75,000 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। गोयल के अनुसार इस साल वित्त वर्ष के लिए 20,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। पीएमकेएसएन योजना के अलावा, ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा के लिए भी 60,000 करोड़ रुपये तय किए गए हैं। अगर योजना में शामिल किए जाने वाले सभी किसानों को 6,000 रुपये का भुगतान किया जाए तो सरकार को कुल खर्चा 75,360 करोड़ रुपये होगा।
वहीं प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना, तेलंगाना सरकार की रायथु बंधु योजना का ही संशोधित रूप है जिसमें सरकार प्रति एकड़ (8,000 रुपये प्रति एकड़) सहायता प्रदान करती है।