आखिर ये अंतरिम बजट होता क्या है, जो 1 फरवरी को संसद में होगा पेश

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली लोकसभा चुनाव 2019 से पहले 1 फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश करेंगे। जब देश में लोकसभा चुनाव होने होते हैं तो उस साल वित्त मंत्री पूर्ण बजट की जगह अंतरिम बजट संसद में पेश करते हैं।

चुनाव से पहले कुछ महीनों तक सरकारी कामकाम के लिए अंतरिम बजट जरूरी होता है। चुनाव के बाद जब नई सरकार चुनी जाती है तो वो पूर्ण बजट अपने अनुसार जुलाई महीने तक पेश करती है।

क्या होता है अंतरिम बजट?

यह एक पारंपरिक प्रथा रही है कि सरकार चुनाव के समय सरकार अगले साल आम बजट से पहले अंतरिम बजट पेश करती है। अंतरिम बजट 2019 में आगामी वित्तीय साल के लिए पॉलिसी मेकिंग को शामिल करने की संभावना नहीं होती है, जबकि यह सरकार की व्यय योजनाओं को कवर करने के लिए होता है।

पांच साल पहले, तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने फरवरी 2014 में यूपीए सरकार की ओर से एक अंतरिम बजट पेश किया था, जिसके बाद जुलाई 2014 में अरुण जेटली द्वारा नई सरकार के गठन पर पूर्ण बजट पेश किया गया था।

अंतरिम बजट 2019 – मुख्य बातें

सरकार की ओर से इस बार अंतरिम बजट 1 फरवरी को सदन में पेश किया जाएगा। इसके लिए संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी के बीच रखा गया है।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए अंतरिम बजट अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कुछ लोकलुभावन वादे करने का सरकार के पास आखिरी मौका होगा।

अंतरिम बजट 2019 में आने वाले साल के लिए वित्तीय विवरण का एक संक्षिप्त विवरण रखा जाएगा।

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