पश्चिम बंगाल: राज्यसभा से मनोनीत सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने दिया इस्तीफा, भाजपा के टिकट पर लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

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राज्यसभा से मनोनीत सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने तृणमूल कांग्रेस यानि टीएमसी और कांग्रेस के विरोध जताने के बाद मंगलवार को उच्च सदन (राज्यसभा) की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आपको जानकारी के लिए बता दें कि भाजपा ने स्वपन को पश्चिम बंगाल चुनाव में हुगली जिले की तारकेश्वर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था, जिस पर टीएमसी और कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे। इसके बाद विवाद बढ़ता देख स्वपन दासगुप्ता ने मंगलवार को राज्यसभा से अपना इस्तीफा दे दिया।

मैंने बेहतर बंगाल की लड़ाई के लिए इस्तीफा दिया: स्वपन

इस बीच स्वपन दासगुप्ता ने एक ट्वीट कर कहा, ‘मैंने बेहतर बंगाल की लड़ाई में अपने आप को समर्पित करने के लिए राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मैंने हमेशा कहा है कि नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, वे उठाए जाएंगे।’ बता दें, भाजपा ने रविवार को 26 और उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, जिसमें स्वपन दासगुप्ता का नाम भी शामिल था। इसके बाद टीएमसी स्वपन की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने के लिए विशेष प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही थी। वहीं, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर विरोध जताया था।

टीएमसी और कांग्रेस को थी प्रत्याशी बनाने को लेकर आपत्ति

तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी ने स्वपन दासगुप्ता को भाजपा द्वारा बंगाल चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाने को लेकर आपत्ति जताई थी। टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने संविधान की 10वीं अनुसूची का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा था कि भाजपा की ओर से स्वपन दासगुप्ता को उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया है। संविधान की 10वीं अनुसूची कहती है कि अगर कोई राज्यसभा का मनोनीत सदस्य शपथ लेने और उसके छह महीने की अवधि खत्म होने के बाद अगर किसी भी राजनैतिक पार्टी में शामिल होता है। तो उसे राज्यसभा की सदस्यता के लिए अघोषित कर दिया जाएगा।

वहीं, कांग्रेस ने भी स्वपन के चुनाव लड़ने पर सवाल उठाया था। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि स्वपन दासगुप्ता ने चुनाव लड़ने से पहले ना तो सदन से इस्तीफा दिया है और ना ही ना ही वे किसी पार्टी में शामिल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि दासगुप्ता अप्रैल, 2016 में राज्यसभा सदस्य बने थे और राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल अप्रैल 2022 तक था।

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