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देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को हाथों हाथ रोक देना चाहिए। जो हरकत आज हमारे लोगों ने की है उससे साफ जाहिर होता है कि हमें बुलेट नहीं बैलगाड़ी पर ही चलना चाहिए। देश की सबसे तेज ट्रेन अभी आम लोगों के लिए शुरू भी नहीं हुई और लोगों ने उसपर पथराव कर डाला है। आम लोगों को समर्पित किए जाने से पहले इस ट्रेन को आज आखिरी बार ट्रायल पर दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से रवाना कर आगरा कैंट की ओर भेजा गया जहां रास्ते में अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पथराव कर उसके शीशे तोड़ डाले। ट्रेन पर पथराव होने के बाद रेलवे प्रशासन ने इस बात पर चिंता जताई है। घटना के दौरान ट्रेन अपनी सर्वाधिक 180 की स्पीड पर दौड़ रही थी।
भारतीय रेलवे इस समय अपने सबसे सुनहरे पलों के दौर से गुजर रहा है जहां देशवासियों की सुविधा के लिए रेलवे दिन राहत कड़ी मेहनत कर ऐसी रेलगाड़ियां बना रहा है मगर इसका आगे कोई फायदा होता नहीं दिखता है और आने वाले समय में आम लोग ट्रेन की और भी बुरी हालत कर दें। इससे पहले मुंबई और गोवा के बीच चलाई गई नई नवेली तेजस एक्सप्रेस में भी यात्रियों ने घटिया हरकत दिखाते हुए उसके हैडफोन्स चुरा लिए थे और एलइडी स्क्रीन्स का भी बुरा हाल कर दिया था।
ऐसे ही पीएम मोदी ने जिस दिन महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई उसी दिन इस ट्रेन की जो हालत लोगों ने की उसकी तस्वीरें दिखाते हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय रेलवे में स्वच्छता से लेकर नई नई ट्रेनें चलाने के पहले ऐसे प्रयास कभी नहीं किए गए और भारतीय रेल की गुणवत्ता में काफी सुधार भी हुआ है लेकिन हमसे ही ये रेलवे भारतीय रेलवे की बुनियाद टिकी हुई है और हम उसपर रोजाना गुटखा थूककर आगे बढ़ जाते हैं।