टीम इंडिया के पूर्व ओपनर और घरेलू क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी वसीम जाफर आज 16 फ़रवरी को अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म वर्ष 1978 में महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन से कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। जाफर रणजी ट्रॉफी में सत्र 2015-16 से रिटायर होने तक विदर्भ टीम के लिए खेले और उसे दो बार रणजी चैंपियन बनाया। इससे पहले वे करीब दो दशक तक मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेले और आठ बार टीम को रणजी चैंपियन बनाया।
जाफर के नाम रणजी क्रिकेट में रिकॉर्ड 12 हजार रन से ज्यादा रन हैं। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे एकमात्र घरेलू क्रिकेटर हैं। उन्हें घरेलू क्रिकेट का ‘सचिन तेंदुलकर’ भी कहा जाता है। इस ख़ास अवसर पर जानिए घरेलू क्रिकेट के सरताज वसीम जाफ़र के जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें…
स्कूलिंग के दौरान खेली 400 रन की पारी
वसीम जाफर ने अपने स्कूल के दिनों में मात्र 15 साल की उम्र में 400 रनों की पारी खेली थी, जिसके बाद वो काफ़ी चर्चा में आ गए थे। इसके बाद उन्होंने मुंबई के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू कर लिया। जाफर ने घरेलू क्रिकेट में 1996-97 में डेब्यू किया था। उन्होंने गुजरात के खिलाफ प्रथम श्रेणी मैच खेला था। जाफर ने अपने दूसरे ही फर्स्ट क्लास मैच में तिहरा शतक जड़ा। उन्होंने नाबाद 314 रन की पारी खेली। यह पहला मौका था जब किसी बल्लेबाज ने मुंबई के लिए घरेलू मैदान से बाहर जाकर तिहरा शतक लगाया। वसीम जाफर ने अपने करियर के दूसरे ही प्रथम श्रेणी मैच में ट्रिपल सेंचुरी लगाकर वर्ष 2000 में भारतीय टेस्ट टीम में जगह बना ली।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं मिली सफ़लता
वसीम जाफर ने अपने इंटरनेशनल करियर का पहला टेस्ट मैच फ़रवरी 2000 में दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ खेला और मैच में कुल 10 रन (6 और 4) बना पाए। टेस्ट में पहला शतक लगाने में उन्हें 6 साल तक इंतजार करना पड़ गया। हालांकि इसके बाद वह टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने में भी कामयाब रहे। जाफर ने भारत के लिए 31 टेस्ट मैचों की 58 पारियों में 1944 रन बनाए, जिसमें 5 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने दो वनडे मैच भी खेले हैं, जिसमें सिर्फ 10 ही रन बनाए। इंटरनेशनल क्रिकेट में असफ़ल रहे जाफर ने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच साल 2008 में यानि करीब 13 साल पहले खेला था।
10 रणजी फाइनल खेले, हर बार टीम को चैंपियन बनाया
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में असफ़ल रहने वाले दांए हाथ के ओपनर बल्लेबाज वसीम जाफर के नाम घरेलू क्रिकेट के लगभग सभी बड़े रिकॉर्ड दर्ज़ हैं। उन्होंने विदर्भ की ओर से खेलते हुए केरल के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में अपने 12 हजार रन पूरे किए। ऐसा करने वाले वे पहले खिलाड़ी हैं। जाफर रणजी ट्रॉफी में 150 से ज्यादा मैच खेलने वाले भी पहले खिलाड़ी हैं। सबसे ज्यादा 40 शतक का रिकॉर्ड भी जाफर के ही नाम है।
1⃣2⃣0⃣0⃣0⃣ #RanjiTrophy runs and counting! 👏👏
Wasim Jaffer is that run machine that keeps on scoring. 👌👌
He has surpassed fifty as Vidarbha near 130 against Kerala.
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#VIDvKER @paytm pic.twitter.com/ICO7BcvDrA— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) February 4, 2020
जाफर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 260 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 19,410 रन अपने नाम दर्ज़ कराए। घरेलू क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 314 रन है। वसीम जाफर के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 57 शतक और 91 अर्धशतक दर्ज हैं। सबसे दिलचस्प बात ये है कि जाफर अपने करियर में 10 बार रणजी ट्रॉफी फाइनल खेले और हर बार अपनी टीम को विजेता बनाया। उन्होंने आठ बार मुंबई और 2 बार विदर्भ को चैंपियन का खिताब दिलाया।
विवाद से भी जुड़ चुका है जाफर का नाम
18 साल तक मुंबई से खेलने के बाद वसीम जाफर ने विदर्भ की ओर से खेलना शुरू किया था। वे आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब के बल्लेबाजी कोच भी रह चुके हैं। 2021 में वसीम जाफर उत्तराखंड टीम के बतौर कोच एक विवाद को लेकर चर्चा रहे थे। उनपर लगे धार्मिक आरोपों के बाद उन्होंने कोच पद से इस्तीफा दे दिया। वह घरेलू क्रिकेट में ओडिशा की टीम के मुख्य कोच रहे। इसके अलावा वह बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की अकादमी में बल्लेबाजी सलाहकार भी रह चुके हैं।
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