पारी की पहली ही गेंद पर छक्का जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज हैं वीरेंद्र सहवाग

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Virender-Sehwag

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज एवं कॉमेंटेटर वीरेंद्र सहवाग 20 अक्टूबर को अपना 43वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। उनका जन्म 20 अक्टूबर, 1978 को दिल्ली के नजफ़गढ़ में हुआ। सहवाग का बचपन दिल्ली में बीता लेकिन उनका परिवार हरियाणा से आता है। उनके पिता कृष्ण सहवाग दिल्ली में गेंहू के व्यापारी थे। उनकी की मां का नाम कृष्णा है। सहवाग की दो बहनें अंजू व मंजू और एक छोटा भाई विनोद सहवाग है। इस पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज को ‘मुल्तान का सुल्तान’, ‘वीरू’ और ‘नवाब ऑफ नजफ़गढ़’ जैसे उपनामों से जाना जाता है। सहवाग ट्विटर पर काफ़ी सक्रिय रहते हैं और अक्सर चुटिले अंदाज़ में अपने साथी खिलाड़ियों को बर्थडे विश करते हैं। आइए वीरेंद्र सहवाग के जन्मदिन पर जानते हैं उनके बारे में कुछ ख़ास बातें..

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वीरू को बचपन से था क्रिकेट से लगाव

वीरेंद्र सहवाग को क्रिकेट में बचपन से लगाव था। जब वे करीब सात महीने के थे तब उनके घर वालों ने उन्हें एक छोटा सा क्रिकेट बैट लाकर दिया था। सहवाग को इस बैट से इतना लगाव हो गया था कि वह दिनभर उसे अपने पास रखते थे। उनके घरवाले समझ गए कि आखिर बच्चा बड़ा होकर क्या बनने वाला है। सहवाग की दो बहनें अंजू और मंजू है, वहीं उनके छोटे भाई का नाम विनोद सहवाग है। वे खुद समेत चार भाई- बहनों में तीसरे नंबर के हैं। वीरेंद्र सहवाग ने साल 2004 में आरती अहलावत से शादी की थी। इन दोनों के दो बेटे आर्यवीर सहवाग और वेदांत सहवाग है। सहवाग घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दिल्ली और हरियाणा की ओर से खेले। आईपीएल में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब का प्रतिनिधित्व किया है।

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पाकिस्तान के ख़िलाफ़ शुरु हुआ कॅरियर

वीरेंद्र सहवाग के अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर की शुरूआत अप्रैल 1999 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मोहाली में खेले गए मैच में हुई थी। उस मैच में उन्होंने केवल एक रन ही बनाया था, जिसके बाद लगभग दो साल तक वे टीम इंडिया में वापसी नहीं कर सके। सहवाग को टीम में दोबारा शामिल होने का मौका सचिन तेंदुलकर की वजह से मिला था। वर्ष 2001 में न्यूजीलैंड और श्रीलंका के साथ भारत ने त्रिकोणीय श्रंखला खेली थी। इसके दौरान श्रीलंका के ख़िलाफ़ मैच में भारतीय ओपनर सचिन तेंदुलकर के पैर में इंजरी के हो गई। इस कारण सहवाग को सलामी बल्लेबाज के तौर पर मैदान में भेजा गया। इस मैच में उन्होंने अपने कॅरियर का पहला शतक ठोका और सुर्खियों में छा गए। इसके बाद वीरू ने काफ़ी लंबे समय तक टीम इंडिया का प्र​तिनिधित्व किया।

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वीरेंद्र सहवाग के नाम दर्ज है कई रिकॉर्ड्स

वैसे तो वीरेंद्र सहवाग के नाम कई रिकॉर्ड्स दर्ज है, लेकिन कुछ रिकॉर्ड्स काफ़ी दिलचस्प हैं। वर्ष 2004 में सहवाग ने पारी की पहली ही गेंद पर छक्का जड़ दिया था। उस मैच में टीम इंडिया 360 रन के विशाल स्कोर का पीछा कर रही थी। ऑस्ट्रेलिया के लिए पहला ओवर तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने किया। सहवाग ने गिलेस्पी की पहली ही गेंद पर जोरदार छक्का मारते हुए बॉल हवा में बाउंड्री के बाहर भेज दी। क्रिकेट इतिहास में ऐसा करने वाले वो तीसरे और पहले भारतीय क्रिकेटर हैं। उनसे पहले मार्क ग्रेटबैच ने साल 1992 में वसीम अकरम ख़िलाफ़ और फिलो वॉलैस ने वर्ष 1998 में जवागल श्रीनाथ की पहली ही गेंद पर सिक्स लगाने का कारनामा किया था।

टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक दर्ज है सहवाग के नाम

वीरेंद्र सहवाग के नाम टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक (309 और 319) दर्ज है। टेस्ट में उनके नाम 6 दोहरे शतक है जिसे हाल में विराट कोहली ने तोड़ा है। सहवाग के नाम वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक (219) भी है। वे दुनिया के एकमात्र सलामी बल्लेबाज हैं, जिसने टेस्ट और वनडे दोनों में 7500 से अधिक रन बनाए। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में तेज दोहरा और तीसरा शतक दर्ज है। किसी भी वनडे मैच में सबसे अधिक चौके मारने का रिकॉर्ड पहले सहवाग के नाम था। उन्होंने साल 2011 में इंदौर वनडे में वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ मैच में 25 चौके मारे थे।

उनके इस रिकॉर्ड को भारत के ही रोहित शर्मा ने 33 चौके लगाकर तोड़ा। वीरेंद्र सहवाग भारत के पहले टी-20 कप्तान रहे हैं। वर्ष 2007 में उन्होंने टीम इंडिया के पहले टी-20 मैच में दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ कप्तानी की थी। सहवाग किंग्स इलेवन पंजाब के कोच रह चुके हैं। अब वे अक्सर कॉमेंट्री करते नज़र आते हैं।

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