विजेंदर सिंह ने ओलंपिक खेलों में देश को दिलवाया था मुक्केबाजी का पहला पदक

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भारत के स्टार मुक्केबाज और ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह 29 अक्टूबर को अपना 34वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। उन्होंने अपने प्रोफेशनल मुक्केबाजी कॅरियर में अब तक के सभी मुकाबले जीते हैं। विजेंदर सिंह ने वर्ष 2012 बीजिंग ओलंपिक में मुक्केबाजी का कांस्य पदक जीता। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

जीवन परिचय

विजेंदर सिंह का जन्म 29 अक्टूबर, 1985 को हरियाणा के भिवानी जिले के कालूवास में हुआ। उनके पिता का नाम महिपाल सिंह बेनीवाल था जो हरियाणा रोडवेज में बस ड्राइवर हैं और माता कृष्णा देवी गृहणी है। उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल से की और माध्यमिक स्तर व स्नातक की पढ़ाई भिवानी से की। इस दौरान 1990 में भारतीय मुक्केबाज राजकुमार सांगवान के अर्जुन अवॉर्ड जीतने से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मुक्केबाजी में अपना कॅरियर बनाने की सोचा और उसे बखूबी कर दिखाया। आज वे भारत के मुख्य मुक्केबाजों में गिने जाते हैं। विजेंदर सिंह ने 17 मई, 2011 को अर्चना सिंह के साथ वैवाहिक बंधन में बंध गए। उनका एक बेटा है।

मुक्केबाजी में बनाया कॅरियर

कॉलेज के समय से ही विजेंदर को मुक्केबाजी करने का शौक था। वे कई बार अपने दोस्तों के साथ कुश्ती और मुक्केबाजी के मुकाबले देखने भी जाया करते थे। विजेंदर ने मुक्केबाजी का अभ्यास ‘भिवानी मुक्केबाजी क्लब’ से शुरू किया। वहीं बॉक्सिंग क्लब में उस समय के राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज जगदीश सिंह ट्रेनिंग दिया करते थे। उन्होंने ही विजेंदर की प्रतिभा को निखारने का काम किया और मुक्केबाजी के गुर सीखाने लगे। विजेंदर के कॅरियर की शुरुआत स्टेट लेवल जीतने के साथ हुई थी।

वर्ष 2000 में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपना पहला स्वर्ण पदक जीत कर सभी को चौका दिया था। विजेंदर सिंह 2003 में आल इंडिया यूथ बॉक्सिंग चौंपियन बने थे। वर्ष 2003 में ही ‘एफ्रो-एशियाई गेम्स’ में जूनियर मुक्केबाज होने के बावजूद विजेंदर ने ट्रायल चयन में भाग लिया और वे चुने गए। वहां उन्होंने रजत पदक जीता। इस तरह विजेंदर के कॅरियर की शुरुआत हुई। वे माइक टाइसन और मोहम्मद अली जैसे मुक्केबाजों से काफी प्रेरित हुए।

ओलंपिक खेलों में विजेंदर का प्रदर्शन

वर्ष 2004 में हुए एथेंस ओलंपिक में विजेंदर सिंह ने मुक्केबाजी के वेल्टरवेट वर्ग में भाग लिया था लेकिन वे तुर्की के मुस्तफा करागोल्ला से 20-25 के स्कोर से हार गए थे। 2007 में विजेंदर ने मुक्केबाजी में और बेहतर करने के लिए जर्मनी गए और वहां पर अभ्यास किया।

इसके बाद वे 2008 के बीजिंग ओलंपिक में क्वालीफाई करने में सफल रहे और ‘बीजिंग ओलंपिक खेल’ में विजेंदर सिंह ने भारत को मिडिलवेट वर्ग में कांस्य दिलाया। विजेंदर भारत के पहले ऐसे मुक्केबाज़ थे जिन्होंने ओलंपिक में मुक्केबाजी में पदक जीता था। वर्ष 2012 में हुए लन्दन ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में हारने के साथ ही विजेंदर को पदक जीतने की उम्मीद खत्म हो गई।

कॉमनवेल्थ गेम्स में विजेंदर द्वारा किया गया प्रदर्शन

2006 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स) में विजेंदर ने भाग लिया और मुक्केबाजी के फाइनल में प्रवेश करने के साथ देश के लिए पदक तो निश्चित किया परंतु उन्हें फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। 2010 में दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल मुक्केबाजी चैंपियनशिप में विजेंदर ने स्वर्ण पदक जीता। 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में वे कांस्य पदक जीत सके। 2014 में विजेंदर ने ग्लासगो (स्कॉटलैण्ड) में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता।

एशियाई खेलों में प्रदर्शन

2006 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता।

एशियाई खेल 2010 में विजेंदर ने मिडिलवेट वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।

विजेंदर विश्व एमेच्योर मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले भी पहले भारतीय हैं और इसमें उन्होंने 2009 में कांस्य पदक जीता।

विजेंदर को मिले पुरस्कार

बीजिंग ओलंपिक में भारत को मुक्केबाजी का पहला कांस्य पदक दिलाने वाले विजेंदर को वर्ष 2009 का ‘राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड’ से भी नवाज़ा गया था।
2009 में ही पद्मश्री अवॉर्ड मिला।

पेशेवर मुक्केबाजी का सफर

विजेंदर सिंह ने 10 अक्टूबर, 2015 को सोनी व्हिटिंग के खिलाफ अपनी पहली प्रोफेशनल बॉक्सिंग फाइट लड़ी और टीकेओ (TOK) से उसमें जीत दर्ज की। विजेंदर ने प्रोफेशनल बॉक्सिंग में अब तक 11 मुकाबले लड़े हैं और उन्होंने सभी में जीत दर्ज की है।

विजेंदर सिंह ने अपनी प्रोफेशनल मुक्केबाजी के 10वें मुकाबले में घाना के अर्नेस्ट एमुजु को WBO एशिया पैसेफिक और ओरिएंटल टाइटल पर कब्जा जमाया। यह मुकाबला जयपुर के सवाई मानसिंह इंडोर स्टेडियम में हुआ। वे 8 मुकाबलों में नॉकआउट से जीते और 3 मुकाबलों में निर्णय उनके पक्ष में रहा।

बॉलीवुड में किया अभिनय

विजेंदर सिंह ने बॉलीवुड में अभिनय भी किया है। 2011 में विजेंदर सिंह ने दक्षिण की एक फिल्म पटियाला एक्सप्रेस में अभिनय किया था. लेकिन फिल्म किसी निजी दिक्कत के कारण बंद हो गयी थी। विजेंदर ने अक्षय कुमार द्वारा निर्मित फिल्म फग्ली में अभिनय का डेब्यू किया। फिल्म ने बॉक्स-ऑफिस पर ठीक-ठाक कमाई की थी।

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