भारत को पहली टेस्ट जीत दिलाने वाले विजय हजारे ने 31 साल की उम्र में किया था डेब्यू

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बात उन दिनों की है जब देश में क्रिकेट को आज जितनी लोकप्रियता हासिल नहीं थी और इस खेल का एक ही फॉर्मेट प्रचलित था वो टेस्ट क्रिकेट। भारत में क्रिकेट आज़ादी मिलने के पहले से ही खेला जाता रहा है। भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच वर्ष 1932 में खेला था, हालांकि, उसे जीत के लिए बीस वर्ष का लंबा इंतजार और संघर्ष करना पड़ा। भारत को आज़ादी के बाद पहली जीत वर्ष 1952 में मिली और इस मैच में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को मात दी थी।

भारतीय टीम को पहली जीत दिलाने का श्रेय उस वक्त के टीम कप्तान विजय हजारे को जाता है। इनकी कप्तानी में भारत को यही एक मात्र टेस्ट मैच में जीत मिलीं। हम भारतीय क्रिकेट इतिहास के अतीत को इसलिए याद कर रहे हैं क्योंकि विजय हजारे की 11 मार्च को 108वीं जयंती है। इस अवसर पर जानिए पूर्व टेस्ट कप्तान हजारे के जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

भूतपूर्व क्रिकेटर विजय हजारे का जीवन परिचय

भारतीय क्रिकेटर विजय हजारे का जन्म 11 मार्च, 1915 को महाराष्ट्र के सांगली में एक मराठी-ईसाई परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम विजय सैमुअल हजारे था। आज़ादी के बाद वे भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे। विजय हजारे ऑलराउंडर के रूप में भारतीय टीम में शामिल हुए थे। इन्होंने 31 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। इसके बावजूद हजारे ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए।

पहले क्रिकेटर जिनके नाम दर्ज़ हुए कई रिकॉर्ड

बतौर ऑलराउंडर खिलाड़ी विजय हजारे ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कुल 30 टेस्ट मैच खेले और कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज़ करवाए। 22 जून, 1946 को इन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय पर्दापण मैच खेला था। इनका टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी औसत 47.65 का था। विजय हजारे ने इस फॉर्मेट में 2,192 रन बनाए और इस दौरान इन्होंने 7 शतक और 9 अर्धशतक भी लगाए। इनका सर्वोच्च स्कोर 164 रन रहा। हजारे पहले ऐसे भारतीय बल्लेबाज थे, जिन्होंने सबसे पहले एक हजार रन बनाए थे।

विजय हजारे भारत के पहले ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने वर्ष 1947-48 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर एडिलेड टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाया। वे पहले ऐसे भारतीय बल्लेबाज भी बने, जिन्होंने लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक जड़कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया था। हजारे ने 30 टेस्ट मैच में 20 विकेट भी अपने नाम किए। इस दौरान इनका गेंदबाजी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 29 रन देकर 4 विकेट रहा।

घरेलू क्रिकेट में पहला तिहरा शतक लगाया

अगर विजय हजारे के प्रथम श्रेणी करियर की बात करें तो इन्होंने 238 मैच खेले। इसमें 58.38 की शानदार औसत से 18,740 रन बनाए। इस दौरान इन्होंने 60 शतक और 73 अर्धशतक लगाए। अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से पहला तिहरा शतक वीरेंद्र सहवाग के नाम दर्ज है, जो इन्होंने साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान के मैदान में जड़ा था। लेकिन भारत की ओर से प्रथम श्रेणी में पहला तिहरा शतक विजय हजारे के नाम दर्ज़ है। विजय हजारे ने 21 जनवरी, 1940 को पूना क्लब ग्राउंड पर महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए बड़ौदा के खिलाफ तिहरा शतक लगाया था।

हजारे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 50 शतक जड़ने वाले भी पहले भारतीय खिलाड़ी रहे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर में इन्होंने 238 मैच में 595 चटकाए। इस दौरान इनका सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 90 रन देकर 8 विकेट रहा।

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कप्तानी में भारत को पहली जीत दिलाई

विजय हजारे की कप्तानी में भारतीय टीम ने अपना 25वां टेस्ट मैच में खेलते हुए वर्ष 1951-52 में तमिलाडु के चेन्नई (मद्रास) स्थित मैदान में इंग्लैंड के खिलाफ पारी और आठ रन से जीत दर्ज की थी। इन्होंने भारत के लिए 14 मैचों में कप्तानी की।

विजय हजारे ट्रॉफी की शुरुआत

भारतीय क्रिकेट में दिये गए इनके उल्लेखनीय योगदान को सम्मानित करने के लिए बीसीसीआई ने विजय हजारे के नाम पर वर्ष 2002-03 में घरेलू क्रिकेट में वनडे ट्रॉफी की शुरुआत की। इस टूर्नामेंट में रणजी की सभी टीमें हिस्सा लेती हैं।

हजारे को मिले सम्मान और निधन

वर्ष 1960 में भारत सरकार की ओर से उन्हें क्रिकेट में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया। इनके साथ ही जसु पटेल को भी क्रिकेट में योगदान के लिए ‘पद्मश्री’ पुरस्कार मिला। ये दोनों ही पद्मश्री से सम्मानित होने वाले देश के पहले क्रिकेट खिलाड़ी बने थे। भारतीय क्रिकेट को यादगार सेवा देने वाले हजारे का लंबी बीमारी के बाद 18 दिसंबर, 2004 को 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

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