योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर अब सियासी घमासान छिड़ चुका है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि वह ड्राफ्ट से एक बच्चे के नियम को हटा दें। विहिप का कहना है कि इससे समाज में असंतुलन बढ़ जाएगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण बिल का ड्राफ्ट उत्तरप्रदेश विधि आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया और इसके लिए लोगों से 19 जुलाई तक आपत्तियां मांगी हैं।
विश्व हिंदू परिषद ने इंसेटिव नियम पर जताई आपत्ति
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण बिल की प्रस्तावना में लिखा है कि यह बिल अन्य बातों के साथ-साथ जनसंख्या को स्थिर करने और दो बच्चों के मानदंड को बढ़ावा देने के लिए लाया जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद दोनों बातों से सहमत है। हालांकि, बिल के सेक्शन 5, 6(2) और 7 कहा गया है कि राज्य के जिन सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों का सिर्फ एक ही बच्चा होगा, उन्हें सरकार की ओर से इंसेटिव भी दिया जाएगा। इस नियम पर विहिप ने आपत्ति जताई है।
विहिप ने कहा- सरकार को इस बारे में दोबारा विचार करना चाहिए
जानकारी के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद ने अपने एक पत्र में कुल प्रजनन दर का भी उल्लेख किया। इसमें बताया गया कि बिल में प्रजनन दर को 1.7 फीसदी तक लाने की योजना है। विहिप का कहना है कि अगर एक बच्चे की पॉलिसी लाई जाती है तो इससे समाज में आबादी का असंतुलन पैदा हो जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को इस बारे में दोबारा विचार करना चाहिए। अन्य इसका असर नेगेटिव ग्रोथ पर हो सकता है।
बता दें, देश में लगातार पिछले कुछ वर्षों से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। जानकारी के अनुसार, संसद के इस मानसून सत्र में कई मेंबर पॉपुलेशन कंट्रोल को लेकर प्राइवेट बिल लेकर आने वाले हैं।
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