कोरोना टीकाकरण में घोटाला आया सामने, मुंबई में 2 हजार से अधिक लोगों को फर्जी टीका लगाया

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देश में कोविड वैक्सीनेशन के बीच महाराष्ट्र के मुंबई में 2 हजार से अधिक लोग फर्जी टीकाकरण रैकेट में धोखाधड़ी के शिकार हो चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि मुंबई में 2053 लोगों को फर्जी टीका लगाया गया। इस पर हाईकोर्ट ने उन लोगों की सेहत को लेकर चिंता जताई, जिन्हें फर्जी टीका लगाया गया। राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में फर्जी टीकाकरण को लेकर जांच संबंधी एक रिपोर्ट पेश की गई। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायाधीश जीएस कुलकर्णी की अदालत में महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता व मुख्य लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने कोर्ट को बताया कि मुंबई में अब तक कम से कम 9 फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।

पुलिस ने अब तक 400 गवाहों के बयान दर्ज किए

फर्जी टीकाकरण के मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक 4 अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की है। महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता दीपक ठाकरे ने अदालत को बताया कि मुंबई में करीब 2053 लोग इन फर्जी टीकाकरण शिविरों के शिकार बने। इसमें बोरिवली में 514, वर्सोवा में 365, कांदिवली में 318, लोअर परेल में 207 और मलाड में 30 समेत अन्य लोग शामिल हैं। मुंबई पुलिस ने अब तक 400 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और जांचकर्ता आरोपी चिकित्सक का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि कांदिवली स्थित हीरानंदानी हेरिटेज सोसायटी में लगे फर्जी टीकाकरण शिविर मामले में एक चिकित्सक भी आरोपी है, जो अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। राज्य सरकार के अधिवक्ता ठाकरे ने कोर्ट को बताया कि कुछ आरोपियों की पहचान हो चुकी है। वहीं, कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।

फर्जी टीके के दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए जांच हो: कोर्ट

बंबई उच्च न्यायालय की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कहा, ‘राज्य सरकार और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों को पीड़ितों में कोरोना के फर्जी टीके के दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए जांच करानी चाहिए।’ अदालत ने आगे कहा, ‘हमें फर्जी शिविरों में टीका लगवाने वालों की चिंता है। उन्हें क्या लगाया गया और उन पर टीके का क्या असर पड़ा।’ बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे की सरकार और बीएमसी को निर्देश दिया कि वे इस बारे में अपने जवाब के साथ हलफनामा अदालत के समक्ष जल्द दाखिल करें।

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