प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य पूरा करने का उद्देश्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस साल पहली बार सरकार 23 लाख टीबी के मरीजों तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रही है।
केंद्र सरकार को यह कामयाबी इस साल के आखिरी दिन मिली, जो ऐतिहासिक कामयाबी है। इस कामयाबी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम में सहायक संगठनों के साथ इस कामयाबी को जाहिर किया।
इससे पहले तक भारत में टीबी मरीजों की इतनी तादाद में कभी पहचान नहीं हो सकी थी। इस पूरे साल में सरकार ने 23,28,191 टीबी मरीजों की पहचान करने में सफलता पाई है। प्राप्त आंकड़ों में से सरकारी अस्पतालों में 16,81,264 टीबी मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ, वहीं शेष टीबी के 6,46,927 रोगियों की पहचान निजी अस्पतालों में हुई। वहीं वर्ष 2018 में सरकार ने पूरे देश में 21 लाख टीबी रोगियों की पहचान की थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी ने टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में टीबी रोगियों के इलाज उपलब्ध कराने के लिए देश में मुहिम चल रही है। इस अभियान में रोगियों को इलाज के लिए 500 रुपए प्रतिमाह सीधे उनके बैंक खाते में दिए जा रहे हैं।
अभी तक टीबी को कंट्रोल इस कारण से नहीं किया जा सका क्योंकि मरीज अस्पतालों की पहुंच से बाहर थे। इसकी कई वजह हो सकती है, लेकिन अब पूरे सिस्टम को काफी सरल और निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का पता करके उनका इलाज कराया जा सके। वर्ष 2019 को लेकर जो लक्ष्य दिया गया था, उसका 81 फीसदी हिस्सा सरकार ने हासिल कर लिया।
टीबी के सबसे अधिक मरीजों की पहचान यूपी में
देश भर में टीबी के मरीजों की पहचान के मामले में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार शीर्ष स्थान पर रही। यहां पर सबसे ज्यादा 4,70,412 टीबी रोगियों की पहचान हुई। इनमें करीब 70 प्रतिशत से ज्यादा (3,18,009) मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे।
इन राज्यों पर विशेष नजर
राज्य | सरकारी अस्पताल | प्राइवेट अस्पताल | कुल रोगी |
उत्तर प्रदेश | 3,18,009 | 1,52,403 | 4,70,412 |
दिल्ली | 77,222 | 26,781 | 1,04,003 |
हरियाणा | 50,324 | 21,682 | 72,006 |
पंजाब | 42,899 | 13,770 | 56,669 |
उत्तराखंड | 19,277 | 6,035 | 25,312 |
हिमाचल प्रदेश | 15,741 | 1618 | 17,359 |
जम्मू कश्मीर | 9,935 | 856 | 10,791 |
चंडीगढ़ | 6,354 | 552 | 6,906 |
(नोट: सभी आंकड़ें 31 दिसंबर 2019 तक के हैं)