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हमारे देश में प्रदूषण की समस्या दिनों—दिन बढ़ती ही जा रही है। जिसके चलते लोगों में अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, पल्मोनरी डिजीज और बच्चों में निमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए हमें ही प्रयास करने होंगें और ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा काम आते हैं घरेलू उपचार। आपको बता दें कि इस तरह की प्रदूषण वाली समस्याओं से बचने के लिए गुड़ का सेवन काफी हद तक हमारी मदद कर सकता है।
हाल ही में हुए एक शोध में पाया गया कि धूल और धुएं में काम करने वाले जो मजदूर रोजाना गुड़ खाते थे, उनमें प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की संभावना अन्य लोगों की तुलना में कम पाई गई। दरअसल, गुड़ में वो तत्व शामिल होते हैं जो प्राकृतिक रूप से शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं और गंदगी को साफ करते हैं। गुड़ में 59.7% सुक्रोज, 21.8% ग्लूकोज, 26% खनिज तरल, 8.86% जल अंश जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
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इसके अलावा गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा और ताम्र के तत्व भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं। इसे चीनी का शुद्धतम रूप माना जाता है। गुड़ आयरन का भी प्रमुख स्रोत है और एनीमिया के मरीज को चीनी के स्थान पर इसका सेवन करना चाहिए। बरसों से गुड़ भारतीय खानपान का हिस्सा रहा है। वहीं आज भी बहुत से लोग इसका सेवन करते हैं क्योंकि यह पाचन में मदद करता है। गुड़ से शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रखता है।
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साथ ही अस्थमा के रोगियों के लिए भी ये बेहद फायदेमंद है क्योंकि इसमें एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं। प्रदूषण के कारण लोगों को सबसे ज्यादा तकलीफ सांस लेने में होती है। इस तरह के हालात में एक चम्मच मक्खन में थोड़ा सा गुड़ और हल्दी मिला लें और दिन में 3-4 बार इसका सेवन करें। इससे शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थों को बाहर निकल कर उसे टॉक्सिन फ्री बनाया जा सकता है। गुड़ को सरसों के तेल में मिलाकर खाना भी काफी फायदेमंद होता है।