देश के बाहर रह रहे भारतीयों ने अपनी अलग साफ़ सुथरी पहचान बनाई है। इसका नतीजा है कि अपने टैलेंट के दम पर दुनिया के कई बड़ी कंपनियों से लेकर कई महत्वपूर्ण पदों पर भारतीय काबिज़ हैं। हाल में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक भारतीय-अमरीकी को फ्लोरिडा में संघीय न्यायाधीश नामित किया है। अनुराग सिंघल नाम उन 17 न्यायाधीशों में शामिल हैं, जिनके नाम व्हाइट हाउस ने सीनेट को भेजे हैं। अगर उनके नाम को सीनेट की मंजूरी मिल जाती है तो वह जेम्स आई. कोहन का स्थान लेंगे।
फ्लोरिडा में न्यायाधीश नामित होने वाले पहले भारतीय
सबसे ख़ास बात यह है कि अनुराग सिंघल फ्लोरिडा प्रांत में इस पद के लिए नामित होने वाले पहले भारतीय अमरीकी नागरिक हैं। उनके नाम पर सहमति के लिए सीनेट की ज्यूडीशियरी कमेटी में बुधवार को सुनवाई होनी है। अगर बात करें वर्तमान में उनकी नियुक्ति की तो वह फिलहाल फ्लोरिडा में 17वें सर्किट कोर्ट में पदस्थापित हैं। सिंघल इस पद पर वर्ष 2011 पर बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से सिंघल परिवार का पुराना नाता
अनुराग सिंघल का परिवार उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आता है। उनके माता-पिता सन् 1960 में अमरीका गए थे। सिंघल के पिता एक्सॉन में एक शोध वैज्ञानिक हुआ करते थे। उनकी मां उत्तराखंड राज्य के देहरादून से थीं। न्यायाधीश सिंघल ने राइस यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ में पढ़ाई की।
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जानकारी के अनुसार, न्यायाधीश अनुराग सिंघल को बहुचर्चित ऐलीन वुओर्नोस मामले की पैरवी करने के लिए जाना जाता है, जो एक सीरियल किलर थी और जिसने फ्लोरिडा में सात पुरुषों की हत्या कर दी थी। सिंघल ने सुनवाई के दौरान पहले वुओर्नोस की पैरवी नहीं की, लेकिन जब आरोपी ने जेल के गार्ड्स पर गंभीर आरोप लगाए तो उन्होंने उसके लिए मुकदमा लड़ा था। अगर सिंघल फ्लोरिडा राज्य के न्यायाधीश बनते हैं तो भारतीय समुदाय के लिए यह गर्व की बात होगी। हालांकि, अमरीका में इससे पहले भी भारतीय-अमरीकी न्यायाधीश कई अन्य प्रांतों में काम कर चुके हैं।