जियो प्लेटफॉर्म्स में 11,367 करोड़ रुपए लगाएगी अमेरिकी कंपनी केकेआर

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देश दुनिया में कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर संकट छाया हुआ है। वहीं, देश में लॉकडाउन के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज की चांदी हो गई है। दरसअल, रिलायंस समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में लगातार कई अमेरिकी कंपनियां भारी निवेश कर रही हैं। अब अमेरिका के इक्विटी फर्म केकेआर ने भी जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.5 अरब डॉलर यानी करीब 11,367 करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान कर दिया है।

ये कंपनियां भी कर चुकी है जियो में निवेश

जानकारी के अनुसार, केकेआर इस निवेश से जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। इसके पहले एक महीने के भीतर ही रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक इंक, जनरल अटलांटिक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी पार्टनर्स के द्वारा निवेश किया जा चुका है। दुनिया में जब दूसरी कंपनियां अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही हैं, जियो ने लॉकडाउन के बीच कुछ ही हफ्तों के भीतर फेसबुक, जनरल अटलांटिक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी पार्टनर जैसी चार विदेशी कंपनियों के साथ बिजनेस डील साइन की हैं।

‘न्यू कॉमर्स’ वेंचर रिलायंस के लिए नया ग्रोथ इंजन

जानकारी के लिए बता दें, जुलाई 2018 में जब मुकेश अंबानी ने अपने ‘न्यू कॉमर्स’ वेंचर की स्थापना की थी, तब उन्होंने कहा था कि इसमें भारत के खुदरा कारोबार को नई परिभाषा देने की क्षमता है और यह अगले वर्षों में रिलायंस के लिए नया ग्रोथ इंजन बन सकता है। इसके जरिए ही रिलायंस डिजिटल और फिजिकल बाजार का एकीकरण करेगी और एमएसएमई, किसानों, किराना दुकानदारों के विशाल नेटवर्क का दोहन किया जाएगा। अमेरिका की दिग्गज कंपनी फेसबुक के साथ डील कर कंपनी इसके स्वामित्व वाले वॉट्सऐप की व्यापक पहुंच का फायदा उठाएगी और अपने न्यू कॉमर्स बिजनेस की रफ्तार को गति प्रदान करेगी।

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आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज जियो को सिर्फ टेलीकॉम ऑपेरटर नहीं, बल्कि एक डिजिटल कंपनी के रूप में विकसित कर रही है। कंपनी प्रमुख मुकेश अंबानी रिलायंस को अब एनर्जी फोकस वाली कंपनी बनाए रखने की जगह विविधता वाली कंपनी बनाने पर फोकस कर रहे हैं। गौरतलब है कि अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वर्ष 2006 में खुदरा कारोबार और 2010 में टेलीकॉम बिजनेस की दुनिया में कदम रखा था। इस कंपनी ने बहुत ही कम समय में बड़ी अच्छी ग्रोथ हासिल की है।

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