पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी के ख़िलाफ़ जंग लड़ रही है। हाल में जब कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड टेस्टिंग किट आई तो उम्मीद थी कि अब ज्यादा से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा सकेगी, लेकिन चीन से मंगवाई गई सभी किट्स पर सवाल खड़े हो गए हैं। राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश में इस किट के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। यूपी में हॉटस्पॉट बने क्षेत्रों में रैपिड टेस्टिंग किट के जरिए कोरोना संक्रमण की जांच शुरू की गई थी।
आईसीएमआर ने राज्यों इस्तेमाल ना करने को कहा
इससे पहले मंगलवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने बयान दिया कि राज्य सरकारें अगले दो दिन के लिए चीन से मंगवाई गई रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल ना करें। आपकी जानकारी के लिए बता दें, यूपी के नोएडा में बने हॉटस्पॉट में 100 संदिग्ध लोगों का टेस्ट इस किट के जरिए किया गया था, जिनकी सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन किट्स के परिणाम गलत आने के बाद अब इन पर रोक लगा दी है।
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हाल में उत्तर प्रदेश सरकार राजस्थान के कोटा शहर में पढ़ने वाले राज्य के 7000 से अधिक बच्चों को वापस लेकर आई थी। उनमें से ज्यादातर की रिपोर्ट भी नेगेटिव ही आई है। सिर्फ कोटा से गाजीपुर लौटे एक छात्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे में चीन से खरीदी गई कोरोना रैपिड टेस्टिंग किट की सफ़लता पर सवाल खड़े हो गए हैं। यही कारण है कि आईसीएमआर ने अगले दो दिनों के लिए इसका इस्तेमाल करने को साफ ना कह दिया है।