‘बहनों और भाइयों मैं अमीन सयानी बोल रहा हूं’। रेडियो पर इस शख्स की आवाज रेडियो के सभी श्रोताओं ने सुनी है। रेडियो पर बिनाका गीतमाला शो के अनाउंसर अमीन सयानी अपनी दमदार आवाज की वजह से पहचाने जाते हैं। आजतक कई लोग रेडियो पर अमीन सयानी की मिमिक्री करते नजर आते हैं। आवाज की दुनिया के फनकार अमीन सयानी 21 दिसंबर को अपना 87वां जन्मदिन बनाएंगे। रेडियो पर अमीन सयानी का शो बिनाका गीतमाला उस समय के सबसे पॉपुलर रेडियो शो में से एक था।
13 साल की उम्र में ही अनाउंसर बन गए थे अमीन
सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में एक बहुभाषी परिवार में हुआ था। अमीन सयानी ने अपनी शुरूआती शिक्षा न्यू इरा स्कूल में की थी जिसमें प्राथमिकी स्तर में गुजराती माध्यम का उपयोग होता था। पांचवीं कक्षा से अंग्रेजी पर अधिक जोर दिया जाता था। उन्होंने बहुत कम उम्र में अपनी मां के पाक्षिक पत्रिका ‘रहबर’ के लिए लिखना शुरू कर दिया था। अमीन सयानी मात्र 13 साल की उम्र में अंग्रेजी में धाराप्रवाह उद्घोषक बन गये थे। उन्होंने बंबई आल इंडिया रेडियो के बच्चों के कार्यक्रम में शिरकत करना शुरू कर दिया था और बाद में रेडियो रूपक में भूमिका निभानी शुरू कर दी थी।
अमिताभ से मिलने को इनकार कर दिया
ऐसा बताया जाता है कि वो अमीन सयानी ही थे जिनकी वजह से बिग बी को रेडियो जॉकी बनने का चांस नहीं मिल पाया था। 40-45 साल पहले बिग बी मुंबई के रेडियो स्टूडियो में ऑडिशन देने पहुंचे थे, बिना अप्वॉइंटमेंट लिए बिग बी सयानी से मिलने चले गए थे। इस वजह से अमीन सयानी ने अमिताभ बच्चन की आवाज सुने बिना ही उन्हे रिजेक्ट कर दिया था। उसके बाद उन्होंने कहा, “मेरे पास उस पतले-दुबले व्यक्ति के लिए बिल्कुल समय नहीं है। इसके बाद भी वे कई बार स्टूडियो गए, लेकिन वे उनसे नहीं मिले और रिसेप्शनिस्ट से यह कहलवा दिया कि पहले समय लें, फिर आएं।
अगर अमिताभ बच्चन को रिजेक्ट नहीं करता तो मैं सड़क पर होता
इस घटना के बाद सयानी ने ‘आनंद’ फिल्म का एक ट्रॉयल शो देखा तो वे बिग बी की आवाज से प्रभावित हुए। उस वक्त वो नहीं जानते थे कि अमिताभ ही वो शख्स थे जो इंटरव्यू देने आए थे। सयानी ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मुझे इस बात को लेकर खेद होता है, लेकिन मुझे लगता है कि जो हुआ, वह हम दोनों के लिए अच्छा हुआ। मैं सड़क पर होता और उन्हें रेडियो पर इतना काम मिलता कि भारतीय सिनेमा अपने सबसे बड़े सितारे से वंचित रह जाता।”