केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में निधन

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मोदी सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया है। पासवान ने 74 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। इस बात की जानकारी उनके बेटे व लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पापा.. अब आप इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।’

पिछले लंबे समय से चल रहे थे बीमार पासवान

जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने देश की राजनीति में एक लंबा समय बिताया। रामविलास पासवान वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी इन सभी प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में अपनी जगह बनाने वाले शायद एकमात्र नेता थे।

1969 में पहली बार बिहार विधानसभा पहुंचे थे

बिहार और देश की राजनीति की नब्ज पकड़ने वाले रामविलास पासवान पहली बार वर्ष 1969 में एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में बिहार विधानसभा पहुंचे थे। साल 1974 में राज नारायण और जेपी के प्रबल अनुयायी के रूप में लोकदल के महासचिव बने थे। वे व्यक्तिगत रूप से राज नारायण, कर्पूरी ठाकुर और सत्येंद्र नारायण सिन्हा जैसे आपातकाल के प्रमुख नेताओं के करीबी रहे हैं।

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‘मौसम वैज्ञानिक’ नाम से जाने जाते थे पासवान

वर्ष 1946 में बिहार के खगड़िया में जन्मे रामविलास पासवान ने एक छोटे से इलाके से निकलकर दिल्ली की सत्ता तक का सफर कड़े संघर्ष के साथ तय किया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगभग पांच दशक तक वो बिहार और देश की राजनीति में छाये रहे। रामविलास पासवान ‘मौसम वैज्ञानिक’ के नाम से जाने जाते थे। दरअसल, उन्हें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने लालू प्रसाद यादव ने यह नाम दिया था। रामविलास पासवान हवा के रुख के साथ राजनीति के अपने फैसले बदलने में माहिर थे। इसमें वो कामयाब भी रहे। इसी का नतीजा रहा कि उन्होंने देश के छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया।

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