संयुक्त राष्ट्र ने इस भारतीय शांतिदूत के सर्वोच्च बलिदान को किया मरणोपरांत सम्मानित

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एक भारतीय शांतिदूत सार्जेंट रमेश सिंह लेबनान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के अंतर्गत शांतिदूत के रूप में तैनात थे। यूएन के शांति कार्यों में अपना योगदान देते हुए रमेश सिंह शहीद हो गए। उन्हें उनकी ड्यूटी के प्रति समर्पण ओर प्रतिबद्धता को देखते हुए मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बलों (UNIFIL) के साथ सार्जेंट रमेश सिंह को तैनात किया गया था।

यूएन के शांति मिशन ने जुलाई माह के आंरभ में ट्वीट कर बताया था कि संयुक्त राष्ट्र अपने शांतिदूत और भारत के सार्जेंट रमेश सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने हाल में लेबनान में तैनात रहते हुए शांति के लिए अपनी शहादत दी थी।

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम फोर्स के कमांडर स्टेफानो डेल कर्नल और लेबनानी सेना ने सार्जेंट रमेश सिंह को उनके समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए पदक से सम्मानित किया है।

लेबनान में कार्यरत शांति मिशन के तहत 14 जुलाई, 2019 तक संयुक्त राष्ट्र अंतरिम फोर्स के सैन्य बलों में 43 सैन्य—सहयोगी देशों की कुल 10 हजार 556 शांतिदूत शामिल हैं। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में भारत योगदानकर्ता के रूप में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा सहयोगकर्ता है।

वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न देशों के शांति अभियान में 6,400 से ज्यादा सैन्य और पुलिस बल इन राजनीतिक अस्थिता वाले देशों में अपना योगदान दे रहे हैं। इनमें प्रमुख हैं अबेई, साइप्रस, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, हैती, लेबनान, मध्य पूर्व, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा आदि। यूएन के विभिन्न शांति मिशनों में अब तक करीब 168 भारतीय सैनिकों ने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।

बता दें सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का एक अंग है जो वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों में अराजकता की स्थिति में शांति व्यवस्था बनाने का कार्य करती है। इसके पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन हैं, जबकि इसमें दो साल के लिए अस्थायी सदस्य चुने जाते हैं। अस्थायी सदस्यों की संख्या 10 है।

70 वर्षों से संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का, संगठन के उच्च आदर्शों की अभिव्यक्ति का प्रकाशपुंज रहा है। सियरा लियोन से लेकर कंबोडिया तक और तिमोर लेस्ते, नामीबिया, अल सल्वाडोर से लेकर विश्व के अनेक देशों में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों ने अमन का संदेश दिया है। शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सबसे बुद्धिमत्तापूर्ण निवेश का नाम है संयुक्त राष्ट्र शांति सेना।

संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का गौरवपूर्ण इतिहास लगभग 70 वर्ष पुराना है और शांति सेना के विभिन्न मिशनों में भारतीय सैन्यकर्मियों का अभूतपूर्व योगदान रहा है।

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