राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा, कुल 15 ट्रस्टी होंगे

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सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद पर आए फैसले के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में ‘राम मंदिर’ निर्माण के लिए 5 फरवरी को ‘श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ बनाने की घोषणा की। इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्यों का शामिल होंगे। उनमें से 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य रखे जाएंगे। यही नहीं इसमें एक ट्रस्टी अनिवार्य रूप से दलित समुदाय से होगा।

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और केंद्र सरकार के बीच एक करार हुआ है, जिसके अंतर्गत ट्रस्ट मंदिर निर्माण से जुड़े हर फैसले लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैै। सरकार ने इसके लिए 9 नियम भी बनाए हैं, जिन पर ट्रस्ट कार्य करेगा।

ये हैं नियम जिन को लेकर सरकार और ट्रस्ट में करार हुआ

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में ट्रस्ट के स्थायी कार्यालय पर चर्चा होगी। यहीं पर राम मंदिर निर्माण की रूप रेखा और आगे किस तरह से काम करना है, इसका रोडमैप तैयार किए जाएगा। मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का काम ट्रस्ट करेगा।

केंद्र सरकार का ट्रस्ट के कामकाज में कोई दखल नहीं होगा। यह ट्रस्ट श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सुविधाएं जैसे- अन्नक्षेत्र, रसोई, गौशाला, प्रदर्शनी, म्यूजियम और सराय का इंतजाम कर सकेगा।

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी कानूनी रूप से ट्रस्ट श्रद्धालुओं की सुविधाओं और मंदिर निर्माण के लिए किसी भी व्यक्ति, संस्था से दान, अनुदान, अचल संपत्ति और सहायता स्वीकार कर सकते हैं। इसके अलावा ट्रस्ट लोन भी ले सकता है।

ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी बोर्ड किसी एक ट्रस्टी को अध्यक्ष- मैनेजिंग ट्रस्टी नियुक्त करेंगे, जो सभी बैठकों की अध्यक्षता करेगा। वहीं, जनरल सेक्रेटरी और कोषाध्यक्ष को भी इन्हीं सदस्यों में से नियुक्त किया जाएगा।

राम मंदिर निर्माण के लिए मौजूदा धन को लेकर ट्रस्ट निवेश पर फैसला लेगा। मंदिर के लिए निवेश ट्रस्ट के नाम पर ही होंगे।

राम मंदिर के लिए प्राप्त किए गए दान का इस्तेमाल सिर्फ ट्रस्ट के कामों में किया जाएगा। इसके अलावा किसी अन्य काम के लिए इस धन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

ट्रस्ट से जुड़ी हुई अचल संपत्ति के बेचने का अधिकार ट्रस्टीज के पास नहीं होगा।

राम मंदिर को मिलने वाला दान और खर्च का हिसाब ट्रस्ट को रखना होगा। इसकी हर साल का बैलेंस शीट बनायी जाएगी और चार्टर्ड एकाउंटेंट ट्रस्ट के खातों का ऑडिट करेगा।

इसके सदस्यों को वेतन का प्रावधान नहीं है, लेकिन सफर के दौरान हुए खर्च का भुगतान ट्रस्ट के द्वारा किया जाएगा।

वकील रामभक्त के परासरन का नाम शामिल

ट्रस्ट के डीड में ही इसके नौ सदस्यों के नाम दे दिए गए हैं, जिनमें रामलला को सुप्रीम कोर्ट में जीत दिलाने वाले रामभक्त के परासरन का नाम सबसे ऊपर है। उनके अलावा वर्ष 1989 में राम मंदिर का शिलान्यास करने वाले दलित कामेश्वर चौपाल का भी नाम इसमें शामिल है।

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