क्रिप्टो करेंसी से लेन-देन की इजाजत मिली, सुप्रीम कोर्ट ने हटाई पाबंदी

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उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक बडा फैसला देते हुए देश में क्रिप्टोकरंसी से लेन-देन करने की पाबंदी हटा दी है। लगभग 2 साल पहले आरबीआई ने इस पर प्रति​बंध लगाया था। कोर्ट ने इस संबंध में आरबीआई का दो साल पुराना सर्कुलर खारिज कर दिया है।

आरबीआई ने लगाई थी रोक

साल 2018 में आरबीआई ने रोक लगाते हुए सभी बैंक व वित्तीय संस्थानों को निर्देश देकर कहा था कि क्रिप्टोकरंसी में कोई लेन देन या डील नहीं करें। इस मामले में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने आरबीआई के इस सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

आखिर क्या है क्रिप्टोकरंसी

कई लोगों को यह जानकारी नहीं है कि आखिर क्रिप्टोकरंसी क्या होती है। दरअसल क्रिप्टोकरंसी एक तरह की डिजिटल करंसी होती है। इस करंसी के जरिये दुनिया में कही भी इसका लेन देन कर सकते हैं जबकि इसका निर्माण करने वाले ही इस पर नियंत्रण रखते हैं। इस डिजिटल करंसी को कोई भी बैंक, ऋण संस्था आदि जारी नहीं करते हैं।

इस तरह होती है खरीद

क्रिप्टोकरंसी की खरीद संबंधित वेबसाइट पर एक्सचेंजेज के जरिये होती है। इसके लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया होती है। बाद में बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड द्वारा इसका भुगतान कर इसकी यूनिट खरीदी जा सकती है। इसके अलावा इस करंसी को ऑनलाइन वॉलेट में रखा जा सकता है।

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क्रिप्टोकरंसी की विशेषताएं व कमी

यह एक तरह से डिजिटल करेंसी है जिसका उपयोग किसी भी देश में किया जा सकता है। हर देश में इसकी वैल्यू बराबर होती है लेकिन किसी देश की सरकार का इस पर नियंत्रण नहीं होता है और ना ही किसी देश की अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित होती है। इसकी कमी यह है कि इसका कई बार गलत चीजों के खरीद बेचने में उपयोग किया जा सकता है और वैल्यू में अचानक उतार-चढाव बने रहते हैं।

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