आज नहीं हो पाया कोई बात नहीं कल कर लूंगा, दस मिनिट ही तो लेट हुए हैं, आज मन नहीं तो नहीं किया इसमें क्या बड़ी बात हो गई…। क्या आप भी कई बार ऐसे जवाब देते हैं, यदि हां तो आप भी उन लोगों में से हैं जो अव्यवस्थित जिंदगी जीते हैं और आपके कारण कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ‘हो जाएगा’, ‘तो क्या हुआ’, ‘भूल गया’, ‘ऐसा तो होता है’, ‘मैं ऐसा ही हूं’ जैसे जवाब यदि आप हर बात पर देते हैं तो यह जान लीजिए कि आपके अंदर कुछ कमियां हैं, जिन्हें या तो आप समझना नहीं चाहते या फिर समझने के बावजूद भी सुधरना नहीं चाहते। हो सकता है आपके इस व्यवहार से आपको कोई दिक्कत ना होती हो लेकिन यकीन मानिए आपके आस-पास मौजूद लोग जरूर आपकी इन आदतों से परेशान रहते होंगे। धीरे-धीरे आपकी छवि अव्यवस्थित शख्स के रूप में बन जाएगी जो आगे चलकर आपके लिए ही हानिकारक है।
अब सवाल आता है कि अव्यवस्थित क्यों होते हैं लोग? दरअसल इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं एक तो आलस दूसरा टालने की प्रवृत्ति। आलस किसी भी काम को व्यवस्थित रूप से करने नहीं देता इसका नतीजा यह होता है कि कोई भी काम समय पर नहीं होता। जब एक काम समय पर नहीं होता तो उससे जुड़े आगे के काम भी लेट होते जाते हैं, नतीजन अव्यवस्था कि एक लम्बी लाइन लग जाती है। चाहे छोटे काम हो या बड़े सभी में इससे परेशानी होती है। इसके अलावा जब अंदर टालने की प्रवृत्ति होती है तब भी अव्यवस्था उत्पन्न होती है। काम को टालने से चीजें बेवजह खींचती हैं और फिर परेशानी का सबब बन जाती हैं।
अमूमन अव्यवस्थित लोगों के साथ रहने वाले लोग ज्यादा परेशान होते हैं क्योंकि उनकी छोटी छोटी आदतें सभी को परेशान करती हैं। इस कारण कई बार गुस्सा, चिढ़चिढ़ापन, झगड़े, तनाव रिश्तों के बीच आने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि जिंदगी को व्यवस्थित अंदाज में जीने की कोशिश की जाए। आप जितना ज्यादा चीजों को सही तरह से मैनेज करने की कोशिश करेंगे उतना ज्यादा आपको और दूसरों को फायदा होगा। छोटी छोटी आदतों में बदलाव ही आपको कई मायनों में एक अच्छा शख्स बनाने में मददगार हो सकता है। तो आज ही व्यवस्थित जिंदगी जीने की कोशिश करिए, खुशियों के लिए कई दरवाजे खुल जाएंगे…।