आज के समय में कैंसर एक खतरनाक बीमारी बन चुकी है, साथ ही कैंसर से पीड़ित लोगों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। क्या कारण है इस रोग के बढ़ने का? कहीं हमारी बदलती लाइफस्टाइल तो जिम्मेदार नहीं, जी हां काफी हद तक कैंसर के लिए इसे जिम्मेदार माना जा सकता है।
कैंसर के लक्षण कई बार बहुत देर से दिखाई देते हैं। आज के समय में दुनियाभर में 200 से भी ज्यादा प्रकार के कैंसर के बारे में जानकरी है। इस बीमारी से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है।
कई अध्ययनों से इस बात का खुलासा हुआ है कि कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह लोगों की जीवनशैली में बदलाव आया है। अगर लोग अपनी कुछ आदतों में सुधार कर लें, तो वह कैंसर के खतरे से बच सकते हैं। कैंसर से बचने के लिए हमें अच्छा और हेल्दी खाना, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना और धू्म्रपान करने से बचना जरूरी है।
कैंसर से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल कुछ आदतों में बदलाव करना बेहद जरूरी है। तो आइए जानते हैं कौन सी आदतें हैं जिनसे बचना जरूरी है।
पेस्टिसाइड्स और केमिकल के प्रयोग वाले अनाज खाने से बचें
आज के समय में ज्यादातर सब्जियां और अनाज पैदा करने में हानिकारक रसायन और पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में कैंसर का कारण बन जाते हैं। ऐसे अनाज का सेवन करने से बचना चाहिए। गलाइफोसेट एक ऐसा ही रसायन है जो कीड़े मारने में तो कारगर है। रिसर्च से पता चला है कि यह रसायन शरीर में कैंसर को बढ़ावा देता है। इनसे बचने के लिए ऑर्गेनिक फलों, सब्जियों और अनाजों का सेवन कर सकते हैं।
घर में रखें सफाई
फेफड़ों और मुंह का कैंसर धूम्रपान, तंबाकू के सेवन से होता है। परंतु कई बार इस बीमारी में अन्य कारण भी जिम्मेदार होते हैं। जिसमें प्रमुख है रेडॉन गैस, जो कई लोगों में कैंसर का कारण बनती है। मकान बनाने में इस्तेमाल होने वाले पदार्थों में ऐसे तत्व होते हैं जो रेडॉन गैस छोड़ते हैं। इसलिए घर बनाते समय यूरेनियम, थोरियम या रेडियम का इस्तेमाल अधिक किया जाता है तो दीवारों और छतों से रेडॉन गैस धीरे—धीरे रिसती है। उन घरों में इसका ज्यादा खतरा रहता है जिनमें हवा के निकास (वेंटिलेशन) की उचित व्यवस्था नहीं होती है। रेडॉन गैस सांस लेने के दौरान फेफड़ों में पहुंच जाती है और यह कैंसर का कारण बनती है।
मांसाहार का सेवन करने वाले रहें सतर्क
जो लोग मांस का अधिक सेवन करते हैं उन्हें अधिक सतर्कता रखने की जरूरत है। मांस को पकाने के लिए बहुत अधिक तापमान की जरूरत होती है। इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल अधिक तापमान पर मांस पकने के कारण इसमें हेट्रोसाइक्लिक एमाइन्स और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स की मात्रा काफी हद तक बढ़ जाती है। डॉक्टर की मानें तो इस तरह के रसायन कैंसर को बढ़ावा देते हैं।
शराब से रहें दूर
जो लोग एल्कोहल का सेवन करते हैं उन्हे कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है। आजकल युवाओं में यह कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। शराब से कई प्रकार के कैंसर हो सकते हैं, जैसे- हेपाटोसेल्युलर कार्सिनोमा, एसोफेगल, ब्रेस्ट और आंतों का कैंसर इसलिए अच्छी सेहत के लिए एल्कोहल का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।
हेल्दी खाना खाएं
हमारी सेहत के लिए सबसे अधिक जरूरी है अच्छा खानपान क्योंकि यही हमारे शरीर की स्वस्थ बनाता है। कैंसर जैसी बीमारी से बचने के लिए अपनी डाइट में फलों और सब्जियों का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए। इनमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को कैंसर जैसी बीमारियों से बचाते हैं। रिसर्च में कुछ ऐसी सब्जियों के बारे में ज्ञात हुआ है जो कैंसर को नियंत्रित करती है। इन सब्जियों में प्रमुख हैं, जैसे- ब्रोकली, बंद गोभी, फूल गोभी, बीन्स, केल, मूली, गाजर और टमाटर आदि। सब्जियों में कैरोटेनॉइड्स, विटामिन्स और फाइबर के अलावा ग्लूकोसाइनोलेट्स होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को शरीर में पनपने से रोकते हैं।
शरीर में कैल्शियम की कमी न होने दें
अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम हो, तो कोलोरेक्टल कैंसर से बचा जा सकता है। इसकी की कमी से कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इसकी पूर्ति के लिए कैल्शियम युक्त फल खा सकते हैं। भारत में महिलाओं में बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम की कमी पाई जाती है। डॉक्टर की सलाह लेकर कैल्शियम की कमी पूरी करने वाले सप्लीमेंट्स लेना चाहिए।
त्वचा पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं
धूप में अल्ट्रावॉयलेट किरणें होती है जो त्वचा के कैंसर की वजह बन सकती है। जिन लोगों को अक्सर धूप में अधिक समय तक काम करना पड़ता है वे त्वचा पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं ताकि त्वचा कैंसर से बचा जा सके। सनस्क्रीन का इस्तेमाल हमेशा करना चाहिए। यदि विटामिन डी के लिए धूप में बैठना चाहते हैं तो इसके लिए सुबह की हल्की धूप सबसे अच्छी मानी जाती है।