सीआरपीएफ के साढ़े तीन लाख कर्मी प्राइवेट हॉस्पिटल में करा सकेंगे कोरोना का इलाज

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CRPF

देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ ने अपने 3.30 लाख कर्मियों को एक बड़ी राहत दी है। दरअसल, इन कर्मियों के परिवार का कोई सदस्य या वे खुद कोरोना संक्रमित हो जाते हैं तो इन्हें सीजीएचएस रेट पर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा मिलेगी। सीआरपीएफ ने सीजीएचएस की सूची में शामिल अस्पतालों के साथ एमओए साइन किया है। अब यदि कोई कर्मी या उसके परिजन इन अस्पतालों के प्राइवेट वार्ड में भर्ती होते हैं, तो उनसे सामान्य इलाज वाला रेट लिया जाएगा।

पीपीई किट का अलग से भुगतान करेगी सीआरपीएफ

आपको बता दें कि कोरोना वायरस जैसी महामारी में पीपीई किट जोकि सबसे ज्यादा अहम मानी जाती है, सरकारी इलाज में इसका कोई जिक्र नहीं था। इसकी वजह है कि ऐसी बीमारी पहली बार आई है, जिसमें पीपीई किट के इस्तेमाल की बड़े पैमाने पर जरूरत महसूस की गई है। यह किट इलाज, दवाओं और दूसरे सर्जिकल उपकरणों में भी शामिल नहीं थी, इसलिए सरकारी बिलों में इसका भुगतान भी नहीं होता। लेकिन सीआरपीएफ ने अब यह व्यवस्था की है कि वह पीपीई किट का अलग से भुगतान करेगी।

सीआरपीएफ के अनुसार, सीजीएचएस की सूची वाले अस्पतालों में यह इलाज कैशलैस होगा। जैसे कोई जवान, अधिकारी या उसके परिजन दिल्ली के ओखला स्थित फोर्टिस अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमित का इलाज कराते हैं तो उन्हें एक दिन का रूम किराया 3000 रुपए देना होगा। आईसीयू के लिए 3863 रुपए प्रतिदिन, डॉक्टर प्रति विजिट 300 रुपए, वेंटिलेटर शुल्क 611 रुपए (एक से छह घंटे तक) और एक पीपीई किट के पांच सौ रुपए (रोजाना 4 से 6 किट) भुगतान करने होंगे।

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