हम आज के समय में दुनिया के सबसे अमीरों लोगों के नामों से परिचित हैं। जो कुछ साल में बदलते भी रहते हैं, उनकी सूची हर साल अनेक मैगजीनों के माध्यम से हमें पता चल जाती है।क्या कभी आपने प्राचीनकालीन इतिहास में किसी अमीर व्यक्ति के बारे में पढ़ा है जिसके पास आज के सबसे अमीर व्यक्ति से भी बहुत अधिक पूंजी रही हो। शायद नहीं। पर एक शख्स ऐसा भी था जो दुनिया में ‘इतिहास का सबसे अमीर आदमी’ माना जाता है। यह चौदहवीं शताब्दी के इतिहास की बात है जब माली देश में दुनिया का सबसे अमीर सुल्तान का शासन था।
‘मनी’ मैगजीन में कुछ ऐसे ही परिचय होता है ‘इतिहास के सबसे अमीर आदमी’ का। मनसा मूसा प्रथम का जन्म 1280 ई. में एक राजपरिवार में हुआ था। उनके भाई मनसा अबु-बकर ने 1312 ई. तक शासन किया। अबु-बकर एक समुद्री अभियान से वापस नहीं लौटे तो उनके भाई मनसा मूसा शासक बना जो 1337 तक रहा था। वो टिम्बकटू के राजा थे। मूसा का शासन उस समय था जब माली की सल्तनत में खनिज पदार्थ बहुतायात में पाए जाते थे, उनमें खासकर सोने के बहुत बड़े भंडार थे जिनका वह मालिक हुआ करता था। साथ ही वह नमक का कारोबार भी करता था।
उनका असली नाम मूसा कीटा प्रथम था लेकिन शासक बनने के साथ ही वो मनसा कहलाए जिसका तात्पर्य होता है ‘बादशाह’
प्राचीन काल में सोना बहुत उपयोगी धातु था और पूरी दुनिया में सोने की मांग अपने चरम पर थी। पश्चिमी अफ्रीका की रिपोर्ट के मुताबिक मूसा एक विशाल सल्तनत का शासक था। जिसके अंतिम छोर के बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था। वर्तमान के अनुसार मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया आदि उस समय मूसा की सल्तनत का हिस्सा हुआ करता थे।
मनसा मूसा ने अपने शासन काल मे कई मस्जिदों का निर्माण कराया जिनमें कई आज भी मौजूद हैं। यह भी माना जाता है कि मनसा मूसा ने ही पश्चिमी अफ्रीका में शिक्षा व्यवस्था को प्रारंभ किया था। उसेन साहित्य, कला और वास्तुकला को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साथ ही उसने कई शैक्षणिक संस्थान, पुस्तकालयों भी खुलवाए।
मनसा मूसा की दौलत का हिसाब-किताब लगाना बहुत कठिन है, फिर भी मोटे तौर पर अंदाजा है कि मनसा मूसा के पास 4,00,000 मिलियन अमरीकी डॉलर के बराबर की दौलत थी। भारतीय मुद्रा में ये रकम करीब ढाई लाख करोड़ रुपये बनती है। मनसा मूसा के पास वर्तमान में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस (131 अरब डॉलर) से कहीं ज्यादा दौलत थी।
मनी मैगजीन में यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के इतिहास के प्रोफेसर रुडोल्फ वेयर कहते हैं, ‘ये इतिहास के सबसे अमीर आदमी की बात है। जब आपके पास इतनी दौलत हो कि उसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाए तो ये समझिए कि आप बहुत अमीर आदमी हैं।’
हज यात्रा में दान करने से मिस्र में आ गया था आर्थिक संकट
मूसा अपने उदार एवं धार्मिक स्वभाव का मुसलमान था। उसके कारवां में 60 हजार से ज्यादा लोग शामिल थे जिनमें केवल 12 हजार तो सुल्तान के निजी अनुचर थे। हाथी, घोड़े, ऊंट व अन्य कई प्रकार के पशु और भारी मात्रा में साजो-सज्जा का सामान भी शामिल था। माली से हज की यात्रा पर यह कारवां उनके साथ चलता था।
मनसा मूसा जिस घोड़े पर सवार होते थे, उससे आगे 500 लोगों का दस्ता चला करता था और उनके हाथों में सोने की छड़ी होती थी। यही नहीं उनके ये 500 संदेशवाहक कीमती रेशम का लिबास पहना करते थे। उनके कारवां में 80 ऊंटों का जत्था भी था, जिस पर 136 किलो सोना लदा होता था।
वह अपने उदार स्वभाव के लिए भी जाने जाते थे। वे जब मिस्र की राजधानी काहिरा से गुजरे तो वहां के गरीबों को इतना दान दे दिया कि वहां बड़े पैमाने पर महंगाई बढ़ गई और मिस्र की अर्थव्यवस्था डगमगा गई।
मनसा की अकूत सम्पत्ति की जब पुष्टि हो गई तो उस समय के महत्त्वपूर्ण नक्शे कैटलन एटलस में माली सल्तनत और वहां के बादशाह का नाम शामिल किया गया। 14वीें सदी के कैटलन एटलस में उस समय की वे तमाम जगहों का वर्णन है जो यूरोपीय लोगों को मालूम थी।