आयकर विभाग शुक्रवार यानी 1 मार्च, 2019 से अपने नियम में बदलाव करने जा रहा है। नए नियम के तहत अब आयकर विभाग सिर्फ ई-रिफंड ही जारी करेगा। यह रिफंड सीधे करदाताओं के खाते में भेजने की तैयारी पूरी की जा चुकी है। आयकर रिफंड के लिए करदाताओं को अपने बैंक खाते को पैन नंबर से लिंक करना होगा। इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि अब रिफंड सीधे बैंक खातों में भेजा जाएगा। क्योंकि नई व्यवस्था के तहत आयकर विभाग एक मार्च 2019 से केवल ई-रिफंड लागू कर रहा है।
आयकर रिफंड प्राप्त करने के लिए पैन नंबर को बैंक खाते से जोड़ना होगा
इनकम टैक्स विभाग ने बुधवार को सार्वजनिक परामर्श में कहा कि आयकरदाता अपना रिफंड सीधे, आसान और सुरक्षित तरीके से प्राप्त करने के लिए अपने बैंक खाते को अपने पैन नंबर (स्थायी खाता संख्या) से लिंक करें। जानकारी के अनुसार, बैंक खाता बचत, चालू, नकद या ओवरड्राफ्ट खाता हो सकता है। अभी तक इनकम टैक्स विभाग करदाताओं को रिफंड सीधे उनके बैंक खाते में या फिर चैक के माध्यम से देता आया है। लेकिन 1 मार्च से विभाग केवल ई-रिफंड की जारी करेगा।
आयकर विभाग के करदाताओं से कहा है कि वे विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉग इन करके यह पता कर सकते हैं कि उनका बैंक खाता पैन से जुड़ा है या नहीं। जिन करदाताओं ने अभी तक अपने बैंक खाते को अपने पैन से नहीं जोड़ा है, वे अपने पैन की जानकारी बैंक की शाखा को दें। इसके साथ ही वे आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर इसका सत्यापन भी करें।
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उल्लेखनीय है कि आयरक विभाग ने आयकर रिटर्न यानी आईटीआर दाखिल करने वालों के लिए पैन नंबर को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, इस प्रक्रिया को इस वर्ष 31 मार्च तक पूरा किया जाना है। हालिया आंकड़ों के अनुसार आयकर विभाग की ओर से फरवरी महीने की शुरुआत तक 42 करोड़ पैन जारी किए जा चुके थे। इनमें से 23 करोड़ पैन नंबर ही अब तक आधार से जुड़े हैं। रिफंड की प्रक्रिया को और आसान बनाते हुए आयकर विभाग ने 1 मार्च से आयकर रिफंड पूरी तरह से ई-रिफंड के तौर पर जारी करने का फैसला किया है।