आज का समय तकनीक का युग है और किसी देश को या व्यक्ति को वक्त की मांग के मुताबिक बदलना होता है। आज के समय में हर देश का दूसरे पड़ौसी देश के साथ सीमा को लेकर या कोई अन्य मुद्दे को लेकर तनावपूर्ण माहौल रहता है।
ऐसा ही विवाद भारत का अपने पड़ौसी देश पाकिस्तान के साथ चल रहा है। पाकिस्तान आये दिन आतंकवाद के माध्यम से भारत पर आक्रकमण करता रहता है। ऐसे माहौल में भारत अपने जवानों को अधिक ताकतवर और उनके हौंसलों को बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक वाले हथियारों की खरीद करता रहता है। जिससे दुश्मन को मुंहतोड़ जबाव दिया जा सकें।
ऐसे में यदि कोई ऐसी बंदूक या यंत्र हो जो अपनी सीमा में रहकर दुश्मन को मात दे सके तो कितना अच्छा हो, कि हमारी सेना को दुश्मन देश की सीमा में घुसे बैगर मात दी जा सके।
जी हां, बढ़ती तकनीकी युग में रूस कुछ ऐसा ही करने जा रहा है, उसने एक ऐसी सेमी ऑटोमेटिक शॉटगन पेश की है, जो खुद दुश्मन को चुन-चुनकर मारने में सक्षम है। फिर चाहे दुश्मन हवा में हो या जमीन के ऊपर।
ये बंदूकें अगर भारत के पास आ जाये, तो पाकिस्तान में चल रहे आतंकियों के प्रशिक्षण शिविरों व उन आतंकियों की खैर नहीं। भारत अपनी अंतरिक्ष उपकरणों की सहायता से घर में बैठे-बैठे ही पाकिस्तान में घुसकर ये बंदूकें आतंकियों को मार आएगी।
आधुनिक तकनीक के मामले में विदेशी देशों में रूस, अमेरिका जैसे देश काफी आगे हैं और विश्व के देश इनसे हथियार खरीदते हैं। वैसे भी रूस भारत का पुराना दोस्त है। भारत, रूसी हथियारों का बड़ा आयातक देश भी है। ऐसे में बहुत संभव है कि भविष्य में भारत के पास भी ऐसी बंदूक हो।
रूस में हुआ ड्रोन गन का परीक्षण
रूस के द्वारा पेश की गई यह बंदूक दुनिया की सबसे आधुनिक गन में से एक होगी, जो ड्रोन की तरह हवा में उड़कर अपने शत्रुओं पर चैंपियन की तरह अचूक निशाना साध सकती है। इन शॉटगन की खूबी यह है कि ये हवा में प्लेन की तरह उड़ती है, वहीं टेक ऑफ और लैंडिंग किसी हैलिकॉप्टर की तरह होती है।
रूस के ‘मॉस्को एविएशन इंस्टीट्यूट’ के छात्रों द्वारा कॉम्पैक्ट ड्रोन का डिजाइन तैयार किया गया है, जो एक बड़ी कामयाबी है। इस ड्रोन गन की टेस्टिंग का पहला चरण सफल रहा है। अगर ये गन सभी टेस्टिंग पैरामीटर्स पर खरी उतरती है तो इसका उत्पादन शुरू किया जाएगा। हवा में उड़ने वाली ये बंदूक दुश्मन के ड्रोन को मार गिराने में भी सक्षम है। इस ड्रोन बंदूक में कई तकनीकी फीचर हैं, जो इसे अन्य रोबोटिक हथियारों में शामिल करते हैं।
कंपनी ने अपनी इस कामयाबी के परीक्षणों को यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया गया है जिसमें दिखाया गया है कि ड्रोननुमा बंदूक को एक जगह पर सीधा खड़ा कर उड़ाया जाता है। इस ड्रोन का पूरा फ्रेम एक सेमी ऑटोमेटिक शॉटगन के आसपास बनाया गया है। देखने में ये बंदूक इजमाश के साइगा-12 शॉटगन की सीधी प्रतिद्वंदी प्रतीत होती है। इसके अलावा इसमें विश्व प्रसिद्ध एके सीरिज की असॉल्ट राइफल्स की कई समानताएं समाहित हैं, लेकिन ये आधुनिक गन 12 कैलिबर बोर की गोली फायर करती है, जो टारगेट को ध्वस्त करने के लिहाज से बेहद घातक है।
यह ड्रोन ऑपरेटर ऑन-बोर्ड कैमरों से जानकारी प्राप्त करता है, ड्रोन हवा में 40 मिनट तक उड़ सकता है।
ये ड्रोन दो प्रोपेलर द्वारा संचालित होता है, जो पीछे की तरफ बड़े पंखों पर लगे हैं। इसका डिजाइन युद्धाभ्यास में इसके इस्तेमाल को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इसके आगे की तरफ भी दो छोटे पंख लगाए गए हैं, जो हवा में उड़ते वक्त इसे संतुलन बनाने में सहायता प्रदान करते हैं।
हवा में लक्ष्य को भेदने की क्षमता है अद्भूत
इस वीडियो में ड्रोन के द्वारा हवाई लक्ष्य (गुब्बारे) को नष्ट करते हुए दिखाया गया है। इसके बाद ये ड्रोन गन एक उड़ते हुए अस्थिर लक्ष्य को टॉरगेट करती है, जिसे हवाई जहाज की तरह दर्शाया गया है।
दूसरे अस्थिर लक्ष्य को भी निशाना बनाने के बाद ड्रोन गन वापस उसी जगह पर वैसे ही लैंड करती है, जैसे उसने टेक ऑफ किया था। टेकऑफ और लैंडिग के वक्त बंदूक की नाल ऊपर की तरफ होती है। इस ड्रोन गन की सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसके लिए किसी रनवे की जरूरत नहीं पड़ती।
मिजोकामी के मुताबिक इस ड्रोन गन को मॉस्को एविएशन इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट डिजाइन ब्यूरो ऑफ एविएशन मॉडलिंग द्वारा तैयार किया गया है, जो कि रूस की तकनीकी कंपनी अल्माज-एनेटी का एक हिस्सा है। बता दे यह कंपनी अपने बेहतरीन एंटी एयरक्राफ्ट और मिसाइल रोधी हथियारों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।