पिछले दो तीन साल में कई बैंकों का मर्जर हो चुका है। अब देश में 10 और बैंकों का मर्जर होने जा रहा है। 1 अप्रैल को होने वाले इस मर्जर के बाद ये बैंक 4 बैकों में बदल जाएंगे। जिसके बाद भारत में सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों की संख्या 12 हो जाएगी। साल 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के देश में कुल 27 बैंक थे। मर्जर हो रहे इन बैकों को 55 हजार 250 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसमें पंजाब नेशनल बैंक को सर्वाधिक 16,000 करोड़ रुपए मिलेंगे। ऐसे में जानिए किन बैकों का किसमें मर्जर होने जा रहा है और उसका आप पर क्या असर पड़ेगा।
दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा पीएनबी
पंजाब नेशनल बैंक में 2 बैंक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर होने जा रहा है। इसके बाद पीएनबी 17.95 लाख करोड़ रुपए के व्यापार और 11,437 शाखाओं के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। वहीं, केनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक में विलय होगा। दोनों के मर्जर होने के बाद यह चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा। इसकी कुल पूंजी 15.20 लाख करोड़ रुपए के व्यापार की होगी और देश में इसकी कुल 10,324 ब्रांच होगी।
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इनके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक तीनों मिलकर एक बैंक बन जाएंगे। यह भारत का 5वां सबसे बड़ा सरकारी क्षेत्र का बैंक होगा। इसका कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपए होगा और इसकी देश में कुल 9,609 शाखाएं होंगी। वहीं, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी विलय होगा। इन दोनों के मर्जर के बाद बैंक की व्यापार पूंजी 8.08 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी। बैकों के मर्जर से ग्राहकों को ख़ास फ़र्क नहीं पड़ेगा। हालांकि, ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर जारी किए जा सकते हैं।