पूरे देश में कल होगा किसानों का प्रदर्शन, संयुक्त किसान मोर्चा मनाएगा आक्रोश दिवस

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MSP पर कानूनी गारंटी समेत अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने दिल्ली चलो मार्च को दो दिन के लिए स्थगित कर दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान अगले दो दिन दिल्ली कूच नहीं करेंगे लेकिन मोर्चा जारी रहेगा। किसान संगठनों ने बताया कि दो दिन बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चौथे दौर की बैठक के बाद सरकार ने किसानों को 5 फसलों पर MSP का प्रस्ताव दिया था।लेकिन किसान संगठनों की तरफ से सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था और ‘दिल्ली चलो’ ऐलान किया गया था। लेकिन बुधवार को शंभू बॉर्डर और खनोरी बॉर्डर पर दिनभर चले हंगामे के बाद किसान संगठनों ने अपने दिल्ली कूच के प्लान पर दो दिन के लिए ब्रेक लगाने का फैसला किया। यानी प्रदर्शनकारी अब गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली कूच नहीं करेंगे और आगे की रणनीति पर शुक्रवार शाम को फैसला करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा कल देशभर में मनाएगा आक्रोश दिवस, 26 फरवरी को पंजाब में ट्रैक्टर मार्च

आखिरकार किसान आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा की एंट्री हो गई. संयुक्त किसान मोर्चा ने आज बैठक करके कई बड़े ऐलान किए। बैठक के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर एक किसान की मौत के विरोध में मोर्चा कल यानी शुक्रवार को आक्रोश दिवस मनाएगा। इसके साथ ही 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च करके विरोध जताएगा। यह नहीं 14 मार्च को इस मामले में दिल्ली में महापंचायत करके किसानों की मांगों को जोरशोर से उठाया जाएगा। उन्होंने किसान की कथित मौत के मामले में गृह मंत्री अमित शाह और हरियाणा के सीएम मनोहरलाल का इस्तीफा भी मांगा।

5वें दौर की बातचीत करेंगे किसान

बता दें कि किसान नेता सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत करेंगे। माना जा रहा है कि सरकार, किसान नेताओं के सामने MSP का नया फॉर्मूला पेश करेगी।इसमें तीन ऑप्शन दिख रहे हैं। या फिर सरकार, किसान नेताओं की सभी मांगें मान ले. या किसान नेता सरकार के 5 फसलों वाले MSP प्रस्ताव को मान लें। और आखिरी विकल्प ये है कि किसान दिल्ली कूच प्लान वापस ले लें, जिसकी संभावना अभी नहीं दिख रही है।

छोटे किसानों पर सरकार का फोकस

किसान आंदोलन के बीच गुजरात की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा फोकस है कि छोटे किसान का जीवन कैसे बेहतर हो। पशुपालन का दायरा कैसे बढ़े। पशुओं का स्वास्थ्य कैसे बेहतर हो। गांव में पशुपालन के साथ ही मछली पालन और मधुमक्खी पालन को कैसे प्रोत्साहित किया जाए।

सरकार ने कितनी दी MSP

एक तरफ, प्रदर्शनकारी MSP गारंटी की मांग पर अड़े हुए हैं तो सरकार ने अब तक दी गई MSP का आंकड़ा भी सामने रखा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक, UPA सरकार के 10 साल में MSP पर साढ़े 5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि मोदी सरकार ने 18 लाख 39 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं जोकि पिछली सरकार से साढ़े 3 गुना से ज्यादा है।

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