ब्लूमबर्ग हेल्थएस्ट कंट्री इंडेक्स 2019 जारी कर दुनिया भर के 169 देशों के स्वास्थ्य की रिपोर्ट प्रस्तुत कर बताया गया है कि किस देश में सबसे अधिक स्वस्थ लोग निवास करते हैं। इस रिपोर्ट में स्पेन ने इस बार इटली को दूसरे स्थान पर धकेल कर दुनिया का सबसे स्वस्थ देश होने का ताज अपने नाम किया। वहीं इस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग पिछले वर्ष की तुलना में 1 स्थान नुकसान हुआ है। अपनी सेहत के मामले में भारत पड़ोसी देश नेपाल और श्रीलंका से भी पीछे है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि भूमध्यसागरीय आहार, जो हृदय और परिसंचरण के लिए अच्छा माना जाता है, स्पैनियार्ड्स के अच्छे स्वास्थ्य में भूमिका निभाता है।
These are the world's healthiest countries:
1. Spain
2. Italy
3. Iceland
4. Japan
5. Switzerland https://t.co/sP03pZLLFN— Bloomberg (@business) February 26, 2019
इस रिपोर्ट में विभिन्न देशों की जीवन प्रत्याशा, धूम्रपान दर और मोटापा सभी को रैंकिंग में ध्यान में रखा गया, साथ ही स्वच्छ जल को भी इसमें शामिल किया गया है।
2017 में पांचवें स्थान से दो स्थान की गिरावट के बावजूद सातवें स्थान पर रहते हुए ऑस्ट्रेलिया शीर्ष 10 में जगह बनाने वाला एकमात्र अंग्रेजी बोलने वाला देश है।
दुनिया के टॉप 10 स्वास्थ्यप्रद देश
- स्पेन
- इटली
- आइसलैंड
- जापान
- स्विट्जरलैंड
- स्वीडन
- ऑस्ट्रेलिया
- सिंगापुर
- नॉर्वे
- इजराइल
स्त्रोत: ब्लूमबर्ग स्वास्थ्यप्रद देश सूचकांक 2019
भारत को पिछले वर्ष की तुलना में एक स्थान का हुआ नुकसान
रिपोर्ट में दुनियाभर के 169 देशों को शामिल कर स्वास्थ्य संबंधी मूल्यांकन किया गया था जिसके बाद यह नतीजे निकले गये। एशियाई देशों की बात करें तो भारत की रैंकिंग पिछले वर्ष की तुलना में एक स्थान घट गई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत वर्ष 2017 में 119वें स्थान पर था और 2018 में एक स्थान का नुकसान के साथ 120वें नंबर पर आ गया।
रिपोर्ट से स्पष्ट है कि स्वास्थ्य के मामले में भारत की रैंकिंग अपने पड़ौसी देश श्रीलंका, बांग्लादेश और यहां तक की नेपाल से भी पीछे है। इस लिस्ट में श्रीलंका 66वें नंबर पर, बांग्लादेश 91वें नंबर पर और नेपाल 110वें नंबर पर है।
वहीं चीन की रैंकिंग भी भारत से काफी बेहतर है और पिछले साल की तुलना में चीन की स्थिति बेहतर हुई है। 2017 में चीन जहां 55वें नंबर पर था वहीं 2018 में चीन 52वें नंबर पर पहुंच गया।
ब्लूमबर्ग हेल्दिएस्ट कंट्री इंडेक्स के 2019 एडिशन के तहत दुनिया के 169 देशों को इसमें शामिल किया गया था। इसमें कई फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए देशों की रैंकिंग की गई जिसमें देशवासियों की ओवरऑल सेहत के अलावा संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों से होने वाली मौतें और अनुमानित जीवन काल जैसी बातों को शामिल किया गया था।
यूएसए सेहत पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाला देश
दुनिया में संयुक्त राज्य अमेरिका उन देशों में शामिल है जो अपने नागरिकों की प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा 11 हजार डॉलर खर्च करता है, बावजूद इसके अमेरिका की रैंकिंग 35 है और पिछले 3 साल से लगातर वहां के लोगों का अनुमानित जीवन काल घटता जा रहा है।
वहीं इंग्लैंड अपने देश के लोगों के स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति 4 हजार डॉलर खर्च करता है। इंग्लैंड की रैंकिंग 2018 में 19 रही जो पिछले साल 2017 में 23 थी।
जिन देशों ने इस लिस्ट में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया वे वैसे देश हैं जहां लोगों के हेल्थकेयर पर 70 प्रतिशत से ज्यादा खर्च वहां की सरकारें करती हैं। इनमें आइसलैंड, जापान, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और नॉर्वे जैसे देश शामिल हैं जो टॉप 10 की लिस्ट में हैं।
दुनिया के टॉप देशों स्पेन और इटली वे देश हैं जो अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में अपने देश के नागरिकों की सेहत पर प्रति व्यक्ति खर्च काफी कम करते हैं। ये दोनों देश हेल्थकेयर पर प्रति व्यक्ति 3500 डॉलर खर्च करते हैं।
भारत में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च मात्र 240 डॉलर
स्वास्थ्य पर खर्च की बात करें तो भारत में हेल्थकेयर पर किया जाने वाला खर्च प्रति व्यक्ति 240 डॉलर है। जो टॉप के देशों की तुलना में बहुत ही कम है। इसमें भी ज्यादातर पैसा लोग अपने सोर्स से खर्च करते हैं और उन्हें सरकार की तरफ से बेहद कम सपॉर्ट मिलता है।
किसी भी अफ्रीकी देश ने इसे सूचकांक के शीर्ष 50 में स्थान नहीं बनाया।
दुनिया के 30 सबसे अस्वस्थ देशों में से 27 अफ्रीकी देश हैं और उनके अलावा हैती, अफगानिस्तान और यमन भी सबसे खराब स्थिति वाले देशों में शामिल है।