डॉ. धर्मवीर भारती के उपन्यास पर बनी फिल्म को मिला था ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’

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हिंदी के कवि, लेखक, नाटककार और एक सामाजिक विचारक डॉ. धर्मवीर भारती की आज 95वीं जयंती है। डॉ. धर्मवीर वर्ष 1960 से 1987 तक प्रसिद्ध हिंदी साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ के प्रमुख संपादक पद पर रहे। उन्हें भारत सरकार ने वर्ष 1972 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया था। उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘सूरज का सातवां घोड़ा’ पर वर्ष 1992 में फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल ने फिल्म बनाई, जिसे ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ मिला था। ऐसे में डॉ. धर्मवीर भारती की बर्थ एनिवर्सरी पर जानते हैं उनके जीवन के बारे में…

सिद्ध साहित्य विषय पर पी.एच.डी. की

धर्मवीर भारती का जन्म 25 दिसंबर, 1926 को इलाहाबाद के एक कायस्थ परिवार में हुआ। उनके पिता चिरंजी लाल और माता चंदा देवी थी। उनके सिर से पिता का साया बचपन में ही उठ गया था और परिवार के आर्थिक हालत काफी तंग थी। उनकी एक बहन डॉ. वीरबाला थी। देश की आजादी के समय उन्होंने कई आंदोलनों में भाग लिया। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल से की।

भारती ने बाद में वर्ष 1946 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिंदी में मास्टर डिग्री हासिल की और हिंदी में सर्वाधिक अंक हासिल करने पर उन्हें ‘चिंतामणि गोल्ड मेडल’ से सम्मानित किया गया। पढ़ाई के साथ ही वे अपनी आजीविका के लिए अभ्युदय और संगम पत्रिकाओं के उप-संपादक भी थे। उन्होंने वर्ष 1954 में डॉ. धीरेंद्र वर्मा के अधीन ‘सिद्ध साहित्य’ विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। बाद में डॉ. धर्मवीर भारती इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हिंदी के व्याख्याता नियुक्त किए गए।

पत्रकारिता और साहित्य लेखन

डॉ. धर्मवीर भारती को वर्ष 1960 में बॉम्बे स्थित टाइम्स समूह ने अपनी लोकप्रिय हिंदी साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ के लिए मुख्य संपादक नियुक्त किया था। वे वर्ष 1987 तक धर्मयुग के संपादक रहे। इस दौरान उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध में बतौर फील्ड रिपोर्टर भी काम किया। भारती की प्रमुख रचनाओं में ‘सूरज का सातवां घोड़ा’, ‘गुनाहों का देवता’ बेहतरीन उपन्यास थे। ‘कनुप्रिया’ खंडकाव्य था। उनकी रचना ‘अंधायुग’ पर इब्राहिम अल्काजी, एमके रैना, रतन थियम और अरविंद गौड़ जैसे दिग्गज रंगकर्मी नाटक कर चुके हैं। डॉ. भारती ने ‘मुर्दों का गांव’, ‘स्वर्ग और पृथ्वी’, ‘चांद और टूटे हुए लोग’ और ‘बंद गली का आखिरी मकान’ जैसी किताबें भी लिखीं।

डॉ. धर्मवीर भारती की प्रमुख रचनाएं

काव्य – ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष, कनुप्रिया, सपना अभी भी।
पद्य नाटक – अंधा युग।
उपन्यास – गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोडा।
कहानी – मुरदों का टीला, स्वर्ग और पृथ्वी, चांद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान।
निबंध – ठेले का हिमालय, कहानी-अनकहनी, पश्यन्ती, साहित्य विचार और स्मृति।
रिपोर्ताज – मुक्त क्षेत्रे: युद्ध क्षेत्रे, युद्ध यात्रा, ब्रह्मपुत्र का मोर्चा।
आलोचना – प्रगतिवाद:एक समीक्षा, मानव मूल्य और साहित्य।
संपादन – अभ्युदय, संगम, हिंदी साहित्य कोष (कुछ अंश), आलोचना निकष, धर्मयुग।

डॉ. भारती को कई साहित्य सम्मानों से पुरस्कृत किया गया

डॉ. धर्मवीर भारती के साहित्य की ज्यादातर रचनाएं बेहद लोकप्रिय रही हैं। उन्हें कई साहित्य सम्मानों से पुरस्कृत किया गया। उन्हें पत्रकारिता और साहित्य लेखन के लिए हल्दीघाटी श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार, महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन, साहित्य अकादमी रत्न, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली, भारत भारती सम्मान, उत्तर प्रदेश, बिड़ला फ़ाउंडेशन के व्यास सम्मान आदि से सम्मानित हो चुके थे।

डॉ. धर्मवीर भारती का व्यक्तिगत जीवन

डॉ. धर्मवीर भारती ने वर्ष 1954 में कांता नाम की महिला से शादी की थी, जिससे एक बेटी का जन्म हुआ। कुछ साल बाद कांता से उनका तलाक हो गया और डॉ. भारती ने पुष्पा भारती से दूसरा विवाह कर लिया, जिससे एक बेटा किंशुक और एक बेटी प्रज्ञा भारती का जन्म हुआ।

हार्ट अटैक की वजह से हुआ डॉ. भारती का निधन

डॉ. धर्मवीर भारती का निधन 4 सितंबर, 1997 को हार्ट अटैक आने की वजह से हुआ।

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