देश के सवर्णों को चुनावों से पहले आरक्षण की लॉलीपॉप, मोदी कैबिनेट ने लिया फैसला

Views : 2981  |  0 minutes read

देश में लोकसभा चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है इस साल अप्रैल-मई के महीने में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में सरकार और विपक्षी खेमे में बैठे लोगों ने वोटबैंक को तैयार करने के लिए कमर कस ली है। एक ताजा फैसले के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के सवर्णों को फिर से रिझाने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने आज कैबिनेट मीटिंग में सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से पिछड़ी उच्च जातियों यानि सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को मंजूरी दी है।

कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद अब आर्थिक रूप से कमजोर अन्य जातियों के लिए नरेंद्र मोदी सरकार अब संविधान में भी संशोधन करेगी। ऐसा करने के लिए, सरकार संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करेगी।

इस फैसले का प्रभावी रूप से यह मतलब है कि जो लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और सामान्य श्रेणी में आते हैं, वे अब सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ उठा पाएंगे, जो पहले उनके लिए उपलब्ध नहीं था।

हालाँकि, यह देखा जाना बाकी है कि क्या सरकार संसद में इस संविधान संशोधन बिल को पारित कर पाती है या नहीं? इस विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पारित करने की आवश्यकता होगी जबकि संसद के फिलहाल चल रहे शीतकालीन सत्र में कार्यात्मक दिन काफी कम रहे हैं।

आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का मोदी कैबिनेट का फैसला 2019 के लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले आना काफी अहम है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार इस तरह के फैसलों से एक बार फिर सरकार बनाने का दावा ठोकेगी।

वहीं विपक्षी दल कांग्रेस की तीन हिंदी हार्टलैंड राज्यों में हुई जीत ने ये सवाल खड़े किए हैं कि क्या आगामी भारतीय चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अजेय रह पाएंगी। वहीं गौरतलब है कि पिछले साल मोदी सरकार द्वारा पास किए हुए SC/ST कानून के बाद बीजेपी के कोर वोटर माने जाने वाले स्वर्णों में नाराजगी देखी गई थी।

COMMENT