वैसे तो क्रिकेट की शुरूआत टेस्ट क्रिकेट से मानी जाती है और वही उसका वास्तविक रूप है पर अब क्रिकेट को तीन प्रारूपों में खेला जाने लगा है। जब से क्रिकेट का तीसरा प्रारूप टी—20 आया है क्रिकेट की लोकप्रियता में ओर वृद्धि हुई है।
कारण यह है कि क्रिकेट अब धीरे—धीरे कई देशों में खेला जाने लगा है पर इसे अभी ओलम्पिक जैसी प्रतिस्पर्धाओं में शामिल नहीं किया गया लेकिन इसे एशियन गेम्स 2010 में पहली बार शामिल किया गया। इसे 2014 एशियन गेम्स में भी जगह मिली थी लेकिन इंडोनेशिया में हुए एशियन गेम्स 2018 में इसे हटा दिया गया।
हांगझू एशियन गेम्स 2022 में एक बार फिर टी—20 क्रिकेट को शामिल किया गया है जिससे इस खेल की इन महाद्वीपीय खेलों में वापसी हो सकती है। ‘इनसाइडदगेम्स.बिज’ के अनुसार एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) की आम सभा की बैठक में यह फैसला किया गया।
भारतीय क्रिकेट टीम के व्यस्त कार्यक्रम का हवाला देकर टी—20 क्रिकेट के इस प्रारूप को महाद्वीपीय प्रतियोगिता से बाहर किया जा चुका है। एशियन गेम्स के अगले टूर्नामेंट के आयोजन में अब भी काफी समय है और ऐसे में भारतीय टीम के प्रतिनिधित्व पर चर्चा करने के लिए बीसीसीआई को काफी समय मिलेगा।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘2022 एशियन गेम्स के आयोजन के लिए अभी काफी समय है। समय आने पर हम चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे।’ क्रिकेट को 2022 खेलों में जगह देना उम्मीद के मुताबिक है क्योंकि ओसीए के मानद उपाध्यक्ष रणधीर सिंह ने उपयुक्त स्थल चुनने के लिए पिछले महीने हांगझू का दौरा किया था।
रविवार को ओसीए की आम सभा में हुए अन्य महत्वपूर्ण फैसलों के अनुसार घोषणा की गई कि ऑस्ट्रेलिया सहित ओसियाना देशों को 2022 एशियाई खेलों में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। हालांकि यह फैसला बाद में किया जाएगा कि ओसियाना के कितने खिलाड़ियों को हांगझू में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी जाएगी।
टी—20 क्रिकेट का एशियन गेम्स का सफर
क्रिकेट के टी—20 को शामिल करने के पीछे इसका छोटा प्रारूप का होना है। इसे एशियन गेम्स में पहली बार 2010 में शामिल किया गया और 2014 में इंचियोन एशियन गेम्स में भी जगह मिली थी।
2014 में इंचियोन एशियन गेम्स के टी—20 क्रिकेट में श्रीलंका की पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक जीता, तो वहीं पाकिस्तान की महिला टी—20 टीम ने स्वर्ण पदक जीता था। जबकि 2010 में बांग्लादेश की पुरुष टीम और पाकिस्तान की महिला टीम ने बाजी मारी थी। एशियन गेम्स में अभी तक भारत ने भाग नहीं लिया गया है।
इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स 1998 में भी क्रिकेट को शामिल किया गया था और तब भारत ने भी अपनी टीम भेजी थी। इस प्रतियोगिता में कप्तान शॉन पोलाक की अगुआई वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम ने स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय क्रिकेट टीम एशियन गेम्स के टी—20 में भाग ले जिससे एशियाई देशों में टी—20 क्रिकेट को बढ़ावा मिल सके। साथ ही प्रतियोगिता को और अधिक रोमांचक बना सके।