देश की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन टी-18 ने अपने दूसरे ट्रायल रन पर स्पीड के सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ डाला। टी -18 का ट्रायल कोटा मंडल के कोटा सवाईमाधोपुर सैक्शन में सफलतापूर्वक किया गया जहां ये ट्रेन 180 की स्पीड से भी ज्यादा गति से बिना किसी अवरोध के दौड़ी। आधिकारिक तौर पर अब ये ट्रेन देश की सबसे तेज गति से दौड़ने वाली ट्रेन बन गई है जिसने गतिमान एक्सप्रेस के रिकॉर्ड को तोड़ा है। बता दें कि टी-18 ट्रेन 30 साल पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेने जा रही है ऐसे में जहां शताब्दी एक्सप्रेस की स्पीड 130 किलोमीटर प्रतिघंटा हुआ करती थी वहीं अब टी-18 ट्रेन 180 की स्पीड से दौड़ा करेगी जिससे यात्रियों का काफी समय बचा करेगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है ऐसे में इसे जल्द ही यात्रियों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।
जोर स्पीड का झटका धीरे से लगा: Train 18 exceeds 180kmph during trial. The stability of water bottles at this speed is testament to the quality of workmanship and design of our engineers pic.twitter.com/CImC49ljgm
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) December 2, 2018
ट्रेन की खासियत:
ये ट्रेन पूरी तरह से भारत में बनी है जिसका निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया गया है।
ट्रेन को टी-18 नाम 2018 में बनने के कारण दिया गया है।
इस ट्रेन में कोई इंजन लगा हुआ नहीं होगा और इसमें 16 कोच लगे होंगे। दूसरी ट्रेनों की तरह टी18 कोच नहीं बदले जा सकेंगे।
ट्रेन में दो एक्जीक्यूटिव कोच होंगे जिनमें 52 सीटें होगी वहीं ट्रेन के बाकि कोचेज में सीटों की संख्या 78 के करीब होंगी।
अगर इस ट्रेन के लिए विशेष पटरियां बना दी जाए तो ये 220 की रफ्तार में दौड़ सकती है।
ट्रेन-18 में जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली के अलावा आॅटोमैटिक दरवाजे और सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे।
ट्रेन में दो इमरजेंसी स्विच हैं। आपात स्थिति में इसे दबाकर मदद ली जा सकती है। ट्रेन में यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए हर छोटी-बड़ी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। ट्रेन आगे व पीछे किसी भी दिशा में चल सकती है।
ट्रेन के कोच में दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से दो बाथरूम और बेबी केयर के लिए विशेष स्थान दिया गया है।
ट्रेन में टॉक बैक की भी सुविधा दी गई है, यानी आपात स्थिति में यात्री ड्राइवर से बात भी कर सकते हैं। इसी तरह की सुविधा मेट्रो में भी दी जाती है।