पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच लड़ाकू विमान राफेल की फ्रांस से खरीद में भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर बवाल शुरू हो गया है। दरअसल एक फ्रांसीसी पोर्टल के दावे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि अदालत इस मामले पर तत्काल में सुनवाई करेगी। हालांकि, उन्होंने इसके लिए फिलहाल किसी तारीख का जिक्र नहीं किया है।
याचिका में पीएम, केंद्र और सीबीआई को पक्षकार बनाया
अधिवक्ता एमएल शर्मा ने एक फ्रांसीसी पोर्टल के दावे पर याचिका दायर कर देश की सर्वोच्च अदालत से स्वतंत्र जांच की मांग की है। याचिका में सौदे को रद्द करने और जुर्माना के साथ सारी रकम वसूलने की मांग की गई है। साथ ही मामले की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच के आदेश मांग की गई है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि फ्रांसीसी पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट को भारत में एक बिचौलिये को करीब 8 करोड़ 62 लाख रुपये ‘बतौर गिफ्ट’ देने पड़े थे। याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र और सीबीआई को भी पक्षकार बनाया है। दसॉल्ट एविएशन पहले ही आरोपों का खंडन कर चुकी है। कंपनी ने कहा कि सौदे में कोई भ्रष्टाचार या अनियमितता नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले में पहले दे चुका क्लीनचिट
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा फ्रांस से राफेल खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर दो साल पहले देश में विपक्षी राजनीतिक दलों ने जमकर बवाल मचाया था। सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले अदालत की निगरानी में राफेल डील की जांच की मांग से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। 14 दिसंबर, 2018 को उच्चतम न्यायालय ने इस सौदे की प्रक्रिया और पार्टनर चुनाव में किसी तरह के फेवर के आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
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