सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। सरकार ने पिछले सप्ताह इस कानून को लेकर अधिसूचना जारी की थी। सुप्रीम कोर्ट में सीएए से जुड़ी करीब 237 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। कोर्ट ने फिलहाल इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सरकार से जवाब तलब किया है। जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को 8 अप्रैल तक का वक्त दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 9 अप्रैल को होगी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा, ‘यह (सीएए) किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता।’ सॉलिसिटर जनरल ने जवाब देने के लिए चार हफ्ते का वक्त मांगा था लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें केवल तीन हफ्ते का वक्त दिया।
वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र को समय दिए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि 2019 में नागरिकता विधेयक को संसद द्वारा मंजूरी दी गई थी। अब इसके चार साल हो गए। नोटिफिकेशन अभी जारी किया गया है। अगर एक बार लोगों को इस कानून के आधार पर नागरिकता मिल गई तो उसे वापस करना मुश्किल होगा। सिब्बल ने केंद्र द्वारा जारी नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अन्य वकील इंदिरा जय सिंह ने भी सीएए पर रोक लगाने और इस मामले को बड़ी बेंच में भेजने की मांग की थी।